न्यूज़ डेस्क : वस्तु एवं सेवाकर परिषद (जीएसटी काउंसिल) ने घंटों चले विचार-विमर्श के बाद आज अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए की जा रही उपायों की मांग के बीच कई वस्तुओं पर कर की दर में कटौती करने का एलान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की सभी दरें एक अक्तूबर से लागू होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आज की जीएसटी परिषद की बैठक में टैक्स सरलीकरण और टैक्स के नियमों को युक्तिसंगत बनाने पर आधारित रही।
कुछ ऐसी होगी विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कर की स्थिति
- जीएसटी काउंसिल ने कैफीनयुक्त पेय पदार्थों पर कर की दरों में 18 से 28 फीसदी तक की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी, साथ ही 12 फीसदी अतिरिक्त क्षतिपूर्ति उपकर भी लगाया गया है। गैस से भरे पेय पदार्थ अब क्षतिपूर्ति योजना के तहत नहीं आएंगे।
- बुने और गैर-बुने हुए पॉलीथिन बैग पर जीएसटी की दर 12 फीसदी कर दी गई है।
- हीरा उद्योग पर लगने वाले डायमंड कट टैक्स की दर को पांचफीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।
- आउटडोर कैटरिंग पर लगने वाले टैक्स की दर को 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया है।
- सामान की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और पॉलीप्रॉलीन के बोरों पर जीएसटी की दर को 12 फीसदी कर दिया गया है।
- बादाम के दूध पर 18 फीसदी टैक्स लगाया गया है।
- परिषद ने होटल किराये में कमी करने का फैसला लिया। 7500 रुपये और इससे ज्यादा किराये वाले कमरों पर अब कर 18 फीसदी होगा। पहले यह दर 28 फीसदी थी। 1001 रुपये से 7500 रुपये तक के किराये वाले होटल के कमरे पर कर की दर 12 फीसदी होगी। 1000 रुपये तक के किराये पर कोई जीएसटी नहीं देना होगा।
- फूल-पत्तियों और अन्य जैव अनुकूल (बायो फ्रेंडली) वस्तुओं से बनाए जाने वाले कप और प्लेट पर कोई कर नहीं लगेगा। पहले इस पर पांच फीसदी जीएसटी देना होता था।
- चैप्टर 12 के तहत आने वाली वस्तुओं जैसे रेलवे के लिए सप्लाई पर जीएसटी को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। यह जमा इनपुट टैक्स क्रेडिट के बगैर है।
- 10-13 व्यक्ति की क्षमता वाले पेट्रोल मोटर वाहनों पर मुआवजा उपकर एक फीसदी तक कम कर दिया गया है। जबकि, डीजल वाहनों पर इसे घटाकर तीन फीसदी कर दिया गया है। कटौती से पहले, क्षतिपूर्ति उपकर 15 फीसदी था।
- जीएसटी/आईजीएसटी से छूट स्वदेशी रूप से निर्मित न होने वाले विशिष्ट रक्षा सामानों के आयात पर दी जा रही है, इसे केवल साल 2024 तक बढ़ाया जा रहा है। भारत में होने वाले अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप के लिए फीफा और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति भी छूट दी गई है।
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