17 एवं 18 जनवरी को होने वाले संत सम्मेलन में घोषित हो सकती है मंदिर निर्माण की तिथि घोषित हो सकती है
न्यूज़ डेस्क : कुंभ मेले की तर्ज पर इस बार का माघ मेला भी विहिप के लिए काफी अहम है। इस बार का माघ मेला हिंदुत्व के एजेंडे पर कुछ खास फैसलों का गवाह बनने जा रहा है। क्योंकि 21 जनवरी को विहिप शिविर में आयोजित संत सम्मेलन में मंदिर निर्माण की तिथि तय घोषित हो सकती है। इसके पूर्व 17 एवं 18 जनवरी को मंदिर निर्माण की तैयारियों की चर्चा क्षेत्र चिंतन बैठक में होगी।
इस बीच दो दिवसीय काशी प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक भी रविवार को संपन्न हुई। इसमें तय हुआ कि राम-नाम के सहारे गांव-गांव हिंदुत्व का माहौल बनाया जाएगा। इसके लिए 25 मार्च से हनुमान जयंती तक 15 दिन प्रयागराज और उसके आसपास के जिलों में तकरीबन दस हजार स्थानों पर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
दो दिवसीय काशी प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक के समापन सत्र में विहिप केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय शामिल हुए। यहां उन्होंने विहिप शिविर में आगामी दिनों में आयोजित क्षेत्र चिंतन बैठक और संत सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की। कहा कि संगठन की स्थापना जिन उद्देश्यों से हुई उसकी प्राप्ति के लिए हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण भी विहिप का मुख्य एजेंडा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से राम मंदिर का निर्माण तय है। 21 जनवरी को आयोजित संत सम्मेलन में पूज्य संतों की मौजूदगी में मंदिर निर्माण की तिथि घोषित हो सकती है।
कहा कि संगठन के नेटवर्क के बल पर जिन गांवों में राम शिला का पूजन हुआ वहां इस बार चैत्र प्रतिपदा से हनुमान जयंती तक बड़े-बड़े राम महोत्सव के कार्यक्रम किए जाएं। संगठन के तंत्र के आधार पर ही हम धर्मांतरण को रोकने और अपने बिछड़े बंधुओं को घर वापस बुलाने का कार्य कर सकते है। आज की बैठक में क्षेत्र संगठन मंत्री अंबरीश सिंह, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, प्रांत अध्यक्ष शुभ नारायण सिंह, प्रांत मंत्री आनंद सिंह, सुरेश अग्रवाल, विमल प्रकाश, सुनील सिंह, आशुतोष श्रीवास्तव, अमित पाठक, धीरेंद्र कुशवाहा, गौरव जायसवाल, अश्विनी मिश्र, अविनाश सिंह आदि मौजूद रहे।
संत सम्मेलन में शिरकत कर सकते हैं सीएम योगी : विहिप के शिविर में 21 जनवरी को आयोजित संत सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत कर सकते हैं। सम्मेलन में शामिल होने के लिए विहिप की ओर से उन्हें आमंत्रण भेजा गया है। संत सम्मेलन में जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के भी शामिल होने की संभावना है। इसके अलावा नृत्य गोपाल दास, साध्वी ऋतंभरा एवं प्रमुख अखाड़ों के वरिष्ठ संत भी इस सम्मेलन में शिरकत कर सकते हैं।
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