देश का 100 साल पुराना “द योगा इंस्टिट्यूट” अब इंदौर में योंग को आम जनता तक पहुँचाएगा ताकि लोग स्वस्थ जीवन l
इंदौर, 18 नवम्बर 2018 : एक महत्वपूर्ण कार्य जिसका उद्देश्य विश्व में अच्छा स्वास्थ्य, खुशी, ओर शांति फैलाना है, “द योगा इंस्टिट्यूट मुम्बई” (The yoga institute Mumbai) ने इस महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए योग को सबके लिए शुरू किया l पिछले 100 सालों के अथक प्रयासों से इंस्टिट्यूट ने ये कार्य किया l द योगा इंस्टिट्यूट का मुख्यालय सांताक्रुज, मुम्बई में स्थित है l “द योगा इंस्टिट्यूट” विश्व के करोड़ों लोगों को योग के माध्यम से अब तक समृद्ध ओर शक्तिशाली बना चुका है, इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण यह है कि यह एक बिना किसी आर्थिक लाभ के यह इंस्टिट्यूट योगासन की अच्छाई को फैला रहा है l अपने सो वर्ष पूरे करने की खुशी में “द योगा इंस्टिट्यूट” अनेक नई शाखाओं को खोलने जा रही है, जिसका उद्देश्य योग को आम जनता तक पहुंचाना है ताकि लोग स्वस्थ जीवन जी सकें
एक ओर खुशी का मौका यह है कि “द योगा इंस्टिट्यूट“ ने मध्य प्रदेश में अपना पहला सेंटर इंदौर में खोला है, इस नई शाखा की शुरुआत इंदौर में 18 नवम्बर को हुई “द योगा इंस्टिट्यूट” एक ऐसा स्थान जहाँ आप अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकेंगे l
योगा इंस्टिट्यूट की स्थापना 25 दिसंबर,1918 को श्री योगेंद्र जी ने की l उन्होंने अनुभव किया की योग ने लोगों के जीवन को सरल बनाया, तब से उन्होंने योग को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया l उन्हें आधुनिक योग का गुरु माना जाता है lनवचेतना, नवयुग, नवजागरण के इस महान कार्य मे उनकी पत्नी सीतादेवी ने भी पूरी साझेदारी निभाते हुए, गृहिणियों के लिए क्लासिकल योग की शुरुआत की l तब से आज तक अथक रूप से योग का कार्य होता रहा है ओर होता रहेगा !!
योगेंद्र जी के पश्चात उनके इस महान मिशन को आगे बढ़ाने का कार्य उनके कर्तव्यनिष्ठ पुत्र डॉ. जयदेव और उनकी पुत्रवधु डॉ. हंसा जी योगेंद्र ने किया lइस आदर्श जोड़ी ने गहन योग ज्ञान, कठिन परिश्रम, कार्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी, लगन और मेहनत से इस इंस्टिट्यूट को असाधारण उचाईयों तक पहुँचा दिया l पूर्व संस्थापक गुरु श्री योगेंद्र जी, माता सीता देवी, डॉ. जयदेव और डॉ. हंसा जी के अथक परिश्रम के कारण जो भी व्यक्ति इन तक पहुंचा ,बिना लाभ लिए वापस नहीं गया lआज डॉ. हंसा जी जयदेव डायरेक्टर ऑफ “द योगा इंस्टिट्यूट”, योगेंद्र जी के सपनों को पूरा कर रहीं है l
गुरु मां हंसा जी अपनी चिर परिचित मुस्कान के साथ हर बात का जवाब बहुत साधारण तरीके से देती है ,उनका कहना है कि काम हमेशा, लगातार चलना चाहिए l डॉ. हंसा जी ने अब तक थ्योरी और प्रेक्टिकल के 100000 योग सेशन कर चुकी हैं l जो की लाखों, करोड़ों लोगों के जीवन मे आवश्यक सुधार ला चुका है l हंसा जी को योग ज्ञान, रिसर्च, प्रायोगिक रूप से योग सीखना, योग का स्तर बनाये रखना आदि में महारत हासिल है l
अभी हाल ही में, जून 2018 में हंसा जी के सानिध्य व डायरेक्शन में इंस्टिट्यूट को बहुत ही सम्माननीय पुरस्कार माननीय प्रधान मंत्री जी की तरफ से दिया गया l उनके योग की अच्छाइयों को लोगों तक पहुंचआने के लिए डॉ. हंसा जी 50 पुस्तकों की संपादक ओर सह-संपादक भी रह चुकी है ; जो कि पतंजलि के योग सूत्रों पर आधारित है l
हृदय की बीमारियों को किस तरह काबू किया जाए, गर्भवती महिलाओं ओर एक अच्छा अभिभावक किस तरह बना जाए ये सब पुस्तकें बहुत लोकप्रिय है l
समाज को उन्नत करने के उद्देश्य के लिए भी उन्होंने बहुत कार्य किये-प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित महिलाओं , बच्चों, निचले वर्ग की महिलाओं को निःशुल्क पढ़ाने , AIDS के प्रति उन्हें जागरूक करना,AIDS मरीजों की देखभाल करना,रक्त दान के लिए प्रोत्साहित करना, गरीबों को बस्तियों में जाकर उन्हें जागरूक करना, प्रौढ़ शिक्षा कार्य, सीनियर सिटीजन के लिए प्रोग्राम आयोजित करना , शुद्ध- सात्विक आहार प्रदान करना,अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने आदि अनेक रचनात्मक कार्य हंसा जी द्वारा किये गए l
“द योगा इंस्टिट्यूट विश्व का एक जाना-पहचानी और सम्माननीय संस्था है, जो योग ओर योग के माध्यम से समृद्ध संस्कृति की परिचायक है, इस प्राचीन संस्था की अनेक शाखाए भी विश्व भर में फैली हुई हैं l
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