सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को तैयार थी कांग्रेस, परन्तु एक नाम ने सारा खेल बिगाड़ा

न्यूज़ डेस्क : कांग्रेस नेतृत्व सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को तैयार हो गया था, लेकिन सिंधिया की तीसरी बड़ी शर्त कि राज्यसभा की दूसरी सीट पर दिग्विजय सिंह की जगह किसी अन्य ओबीसी नेता को भेजा जाए, को मानने से कांग्रेस नेतृत्व ने इनकार कर दिया। 

गौरतलब है कि पिछले साल अपने टि्वटर हैंडल में अपनी पहचान से कांग्रेस को अलग करके सुर्खियों में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से अपनी बढ़ती दूरी का संकेत दे दिया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में पिछले दिनों उनका यह बयान कि अगर वादे पूरे नहीं हुए तो वह सड़कों पर उतरेंगे, बहुत कुछ बता गया था। रही सही कसर मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस बयान ने पूरी कर दी कि वह (सिंधिया) सड़कों पर उतरें उन्हें रोका किसने है। 

 

उधर कांग्रेस में एक वक्त ज्योतिरादित्य को पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का मन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बना लिया था, लेकिन इसी बीच कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं को सिंधिया और जेटली की इस सियासी खिचड़ी की खबर लग गई और उन्होंने सोनिया को यह जानकारी दे दी। 

इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व सिंधिया को लेकर सतर्क हो गया। उन्हें तत्काल कोई जिम्मेदारी देकर इंतजार करने की रणनीति अपनाई गई। अब राज्यसभा चुनाव के वक्त मध्यप्रदेश से दूसरी वरीयता की सीट देने के लिए नेतृत्व राजी था, लेकिन सिर्फ अपने लिए प्रथम वरीयता की सीट मांग रहे थे, बल्कि उनकी जिद यह भी थी कि दूसरी सीट पर दिग्विजय सिंह की जगह किसी अन्य को लाया जाए। जिसे कांग्रेस नेतृत्व ने मानने से इनकार कर दिया।

 

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