बैंकॉक। थाइलैंड ने हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए 26 वर्षीय एक युवक की सजा की तामील कर दी है। 2009 के बाद मौत की सजा को अंजाम तक पंहुचाने का यह पहला मामला है। डिपाटर्मेंट ऑफ करेक्शन्स ने यह जानकारी दी। वहीं मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस कदम की निंदा की है।
छब्बीस साल के थीरासक लोंगजी को त्रांग प्रांत में हत्या का दोषी करार दिया गया था। सजा सुनाए जाने के छह साल बाद उसे लीथल इंजेक्शन लगा कर मौत की नींद सुला दिया गया। न्याय मंत्रालय के डिप्टी परमानेंट सेक्रेटरी टी थाईकेव ने कहा कि हमारे यहां अभी भी मृत्युदंड का प्रावधान है हमने इसे अभी रद्द नहीं किया है। उन्होंने कहा कि दी गई सजा कानून के अनुरूप है।
डिपाटर्मेंट ऑफ करेक्शन्स ने बताया कि 1935 से अब तक 325 लोगों को मौत की सजा दी गई है। विभाग ने बताया कि इसे 11 दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया था। तबसे लेकर 2009 के बीच छह कैदियों को इंजेक्शन लगा कर सजा की तामील की गई। वहीं एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घटना की निंदा की है। उसने कहा कि यह जीवन जीने के अधिकार का घोर उल्लंघन है।
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