नई दिल्ली : आधार को लेकर बुधवार को बड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार को संवैधानिक रुप से वैध बताया गया है। फैसले में कहा गया है कि मोबाइल नंबर से आधार लिंक करना जरूरी नहीं है। किसी भी प्राइवेट सर्विस के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा। बैंक अकाउंट भी बिना आधार के खुल सकते है।
लेकिन इसके लिए पैन कार्ड जरूरी होगा। पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। फैसला आने से पहले तक सभी टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराना अनिवार्य बताती हैं। इनमें से कुछ कंपनियां बिना आधार के सिम नहीं देती हैं। लगातार यूजर्स को कॉल और मैसेज के द्वारा बताया गया कि आधार से लिंक न करने पर आपका नंबर बंद कर दिया जाएगा।
अभी तक काफी लोगों ने आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करा लिया है। वहीं अब आधार पर फैसला सुनाने वाली 5 जजों की संवैधानिक पीठ में एक जस्टिस चंद्रचूड़ ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आधार डेटा डिलीट करने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि मोबाइल फोन के साथ आधार डेटा लिंक करना इंडिविजुअल लिबर्टी पर खतरा है। उन्होंने अपने फैसले में टेलीकॉम ऑपरेटर्स से यूजर्स द्वारा कलेक्ट किया गया आधार डेटा डिलीट करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में अपने फैसले में कहा ऑथेन्टिकेशन के लिए पर्याप्त डिफेंस मैकेनिज्म है। फैसले में जस्टिस सीकरी ने कहा, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। सीआईडीआर में स्टोर डेटा के आधार पर किसी यूजर का प्रोफाइल संभालना मुश्किल है।
डेटा ऑथेन्टिकेशन 6 महीने से ज्यादा समय तक के लिए स्टोर नहीं किए जा सकते हैं। फिलहाल नियम है कि इस 5 साल तक आर्किइव किया जा सकता है’ गौरतलब है कि आधार मामले पर सुप्रीम कोर्ट में करीब 38 दिनों तक तीखी सुनवाई चली थी इसके बाद 10 मई को ही कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।
बता दें कि ये पूरा मामला आधार को लेकर जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। पांच जजों की पीठ ने आधार के पक्ष में 4-1 से फैसला सुनाया। जस्टिस एके सीकरी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एम खानविलकर की ओर से अपना फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड आम आदमी की पहचान है, इसपर हमला संविधान के खिलाफ है।
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