टीम इंडिया वापसी के इरादे से उतरेगी, रिषभ को मिल सकता है मौका

नाटिंघम ।  भारतीय क्रिकेट टीम शनिवार को मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे क्रिकेट टेस्ट में वापसी के इरादे से मैदान में उतरेगी। मेहमान भारतीय टीम के लिए यह टेस्ट बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि भारतीय टीम इस सीरीज में 2-0 से पीछे है और अगर वह इस मैच में हारती है तो फिर मेजबान इंग्लैंड का सीरीज पर कब्जा हो जाएगा। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली फिट हो गये हैं और अब उनका लक्ष्य किसी भी हाल में मेजबानों को शिकस्त देना होगा।

पहले दोनों टेस्ट मैचों में भारतीय टीम खेल के हर क्षेत्र में मेजबानों के सामने टिक नहीं पाई और उसे यह तीसरा टेस्ट जीतना है तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। टीम के सभी बल्लेबाजों को रन बनाने होंगे क्योंकि पहले दोनो टेस्ट मैच में टीम विराट पर ही निर्भर दिखी। जहां तक गेंदबाजों का सवाल है वह लय में हैं और उन्हें विकेट लेने पर ध्यान देना होगा। भारतीय सलामी जोड़ी के साथ ही मध्यक्रम पहले दोनो मैच में असफल रहे जिन्हें अब रन बनाने ही होंगे।

टीम के लिए अकेले विराट ही हैं जो पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक लगा पाये हैं। उन्होंने एजबस्टन में 149 और 51 रन बनाए लेकिन दूसरे मैच में 23 और 27 रन ही बना सके। बाकी बल्लेबाजों से उन्हें कोई मदद नहीं मिली और टीम फिर बड़ी साझेदारी की कमी के कारण पिछड़ गयी। विराट ने लॉर्ड्स में पारी की हार के बाद कहा, ”हमें पहले भी हार मिली है लेकिन लॉर्ड्स में हमें हर विभाग में हार मिली और बल्लेबाजों ने सबसे अधिक निराश किया।

हमारे पास आगे गलतियां दोहराने की गुंजाइश नहीं है और सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।” टीम के उपकप्तान और मध्यक्रम के बल्लेबाज रहाणे भी अब तक रन नहीं बना पाये है जिससे टीम की परेशानी बढ़ी है। सलामी बल्लेबाज मुरली विजय नाकाम रहे। लोकेश राहुल को भी टेस्ट सीरीज से पूर्व कई अलग अलग क्रम पर उतारा गया था लेकिन वह भी असफल रहे हैं।

निचले क्रम पर ऑलराउंडर पांड्या भी रन नहीं बना पाये। पांड्या ने लॉर्ड्स में 11,26 रन बनाए और तीन विकेट लिये। भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी विभाग में व्यापक सुधार की जरूरत है जबकि चयन को लेकर सवालों के घेरे में आए कप्तान और कोच नाटिंघम टेस्ट के लिए टीम में कई बदलाव कर सकते हैं। उम्मीद है कि दिल्ली के विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत को तीसरे मैच में पदार्पण का मौका दिया जा सकता है तो दूसरे मैच से बाहर रहे शिखर धवन भी वापसी कर सकते हैं। उंगली की चोट से उबर चुके मध्यम तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के भी अंतिम एकादश में जगह बनाने की उम्मीद है।

नाटिंघम में रिषभ को यदि मौका मिलता है तो साफ है कि अनुभवी विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को बाहर बैठना होगा जिन्होंने पिछले दो मैचों में बल्ले से निराश किया है। वहीं ट्रेंट ब्रिज में टीम इंडिया के अभ्यास में भी रिषभ ने पसीना बहाया जबकि कार्तिक उतने सक्रिय नहीं दिखे जिससे रिषभ के पदार्पण की संभावना काफी बढ़ गयी है। भारतीय टीम के लिये उसके मुख्य खिलाड़ियों की चोटों और खराब प्रदर्शन के अलावा विराट की फिटनेस भी चिंता का विषय है जो पूरी तरह फिट नहीं हैं और लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की पारी के दौरान कुछ समय मैदान से बाहर रहे थे।

वहीं टीम अभ्यास में भी विराट ने काफी देर तक ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा नहीं लिया लेकिन गेंदबाजों के साथ रणनीति पर चर्चा जरूर की। टीम इंडिया के लिये गेंदबाजी विभाग में भी सुधार की जरूरत है। इंग्लैंड के मौसम के अनुसार वहां की पिचों को स्पिनरों के लिये मददगार माना जा रहा था लेकिन पिछले मैच में एक अतिरिक्त स्पिनर कुलदीप यादव को उतारने का निर्णय खास कारगार साबित नहीं हुआ। कोच और कप्तान ने भी माना कि कुलदीप को उतारने की जगह तेज गेंदबाज को शामिल करना था। टीम के पास रविचंद्रन अश्विन के रूप में अनुभवी स्पिनर मौजूद है जबकि तेज गेंदबाजों में मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा अब तक प्रभावशाली रहे हैं।

मध्यम तेज गेंदबाज बुमराह पफिट हो गये हैं और उनकी वापसी तय है ऐसे में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप को बाहर बैठना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर मेजबान इंग्लैंड की टीम बढ़े हुए मनोबल के साथ सीरीज पर कब्जे के लिए उतरेगी। ऑलराउंडर बेन स्टोक्स की वापसी से टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी बेहतर हुई है जो रूट की कप्तानी वाली

इंग्लैंड ने पिछले लॉर्ड्स मैच में जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, क्रिस वोक्स और सैम करेन के रूप में चार तेज गेंदबाजों की मदद से भारतीय बल्लेबाजों को पस्त कर दिया था। वहीं उसके पास बेयरस्टो, वोक्स, रूट, जोस बटलर,कीटन जेनिंग्स के रूप में अच्छे बल्लेबाज हैं। इस प्रकार देखा जाये तो इस मैच में भी मेजबान टीम का पलड़ा भारी है।

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