न्यूज़ डेस्क : अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच तालिबान ने मंगलवार देर शाम नई सरकार का एलान कर दिया। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के नए प्रधानमंत्री होंगे। इसके अलावा मुल्ला बरादर को उप-प्रधानमंत्री, सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री, मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री और अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया गया है। खास बात यह है कि इस एलान के बाद तालिबान के सर्वोच्च नेता ने नई सरकार से शरिया कानून बनाए रखने के लिए कहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान की यह कार्यवाहक सरकार है। तालिबान की शक्तिशाली नीति निर्धारक समिति ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव तालिबान के शीर्ष नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा ने किया। वहीं अमेरिका से बातचीत करने वाले मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है, जबकि हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री का पद सौंपा गया है। सरकार में गैर तालिबानियों का प्रतिनिधित्व नहीं है, जो विश्व बिरादरी की सबसे बड़ी मांग रही है।
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के तीन हफ्ते बाद तालिबान ने कार्यवाहक सरकार की घोषणा की है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस वार्ता में कार्यवाहक सरकार की रूपरेखा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल कार्यवाहक मंत्रिमंडल सरकार की जिम्मेदारी संभालेगा। तालिबान ने अभी चुनाव कराने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद तालिबान की पिछली सरकार 1996 से 2001 में विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं। दो दशकों तक अमेरिकी नेतृत्व में नाटो फौज और अफगानिस्तान की सरकार का मुकाबला करने वालों को कार्यवाहक सरकार में तवज्जो दी गई है। वहीं इसमें पिछली तालिबानी सरकार के मंत्रियों का दबदबा है। माना जा रहा है कि यह सरकार ईरानी नेतृत्व की लाइन पर काम करेगी।
जानिए मंत्रिमंडल में और किन-किन नेताओं को मिली जगह
खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री का पद दिया गया है।
जानिए कौन हैं नए पीएम मुल्ला हसन अखुंद
मुल्ला हसन अखुंद फिलहाल रहबारी शूरा (लीडरशिप काउंसिल) के प्रमुख हैं। रहबारी शूरा तालिबान से संबंधित शक्तिशाली निर्णय लेने वाली संस्था है। मुल्ला हसन अखुंद का जन्म उसी कंधार में हुआ है जिससे तालिबान की भी शुरुआत हुई थी। सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत करने वाले नेताओं में मुल्ला हसन अखुंद भी शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अखुंद ने रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 वर्षों तक काम किया और तालिबानी लड़ाकों के बीच उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। तालिबान नेताओं का दावा है कि सैन्य पृष्ठभूमि के बजाय उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि अधिक है और वह अपने चरित्र और भक्ति के लिए जाने जाते हैं। मुल्ला हसन को 20 साल से अधिक से शेख हिबतुल्ला अखुनजादा का करीबी बताया जाता है।
एक नजर में यहां देखें कौन क्या?
प्रधानमंत्री : मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद
उपप्रधानमंत्री : मुल्ला अब्दुल गनी बरादर
उपप्रधानमंत्री : अब्दुल सलाम हनाफी
गृहमंत्री : सिराजुद्दीन हक्कानी
विदेश मंत्री : मुल्ला आमिर खान मुत्तकी
रक्षामंत्री : मुल्ला याकूब मुजाहिद
वित्तमंत्री : मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी
शिक्षामंत्री : शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर
उप विदेश मंत्री : शेर मोहम्मद स्टेनकजई
पंजशीर में जीत दिलाने वाले फहीउद्दीन चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ
पंजशीर पर फतह करवाने वाले ताजिकिस्तान मूल के तालिबान कमांडर कारी फहीउद्दीन को रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया गया है। वहीं, मुल्ला फजल अखुंद को सेना प्रमुख बनाया गया है।
मान्यता देने में जल्दबाजी न करें : तुर्की
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने से ठीक पहले तुर्की के विदेश मंत्री यूसुफ एरिम ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को हमारी यही सलाह है कि वो तालिबान की सरकार को मान्यता देने में किसी तरह की जल्दबाजी न करें।
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