प्रस्तुत है पीआईबी के इफ्फी आधारित न्यूजलेटर ‘इफ्फीलॉईड’ का दूसरा संस्करण
यह एक बार फिर से फिल्मों का उत्सव मनाने का समय है। अच्छा, क्या हमने आपको यह कहते सुना है कि आप हमेशा फिल्मों का उत्सव मनाते रहे हैं? सुख में भी, दुःख में भी, जागते हुए भी, नींद में भी और स्वप्न में भी?
जी हां, शाश्वत प्रेम और कालातीत…
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