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अन्यों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करना सबसे बड़ा धर्म है : अवधेशानंद जी महाराज

News Desk :  पूज्य "सद्गुरुदेव" जी ने कहा - रक्तदान न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व है, अपितु अनेक हृदयों में विविध धमनियों द्वारा स्वयं की रक्त ऊर्जा संचरित कर अन्यों को स्वास्थ्य व जीवन दान देने का अलभ्य अवसर है। रक्तदान स्वास्थ्यवर्धक व जीवन…
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ज्ञानार्जन श्रेष्ठतम पुरुषार्थ है :स्वामी अवधेशानन्दं जी महाराज

पूज्य सद्गुरुदेव आशीषवचनम्
          ।। श्री: कृपा ।।
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 पूज्य "सद्गुरुदेव" जी ने कहा - ज्ञानार्जन श्रेष्ठतम पुरुषार्थ है। इसके विपरीत अज्ञानता समस्त दुःखों की मूल जननी है। लोकोपकारी प्रवृत्तियों का सृजन; अध्यात्म सम्पदा का रक्षण

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