बेंगलुरु : देश में आज साइबर सिक्युरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी जैसे विशेषज्ञों की मांग बढ़ने और इनके लिए कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण सूचना तकनीक कंपनियां फ्रीलांसर्स के जरिए अपनी जरूरतें पूरी कर रही हैं।
कंपनियों की योजनाओं की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि आईबीएम, एक्सेंचर और इंटेल जैसी आईटी कंपनियां साइबर सिक्युरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन में एक्सपर्ट फ्रीलांसर्स को हायर कर रही हैं। अधिकतर फ्रीलांसर्स ने कोरसेरा, अपग्रैड, उडासिटी जैसी एजुकेशन टेक्नॉलजी कंपनियों से ब्लॉकचेन, साइबर सिक्युरिटी और ऐसे अन्य स्किल्स में सर्टिफिकेट कोर्स किए हैं।
एचआर कंसल्टिंग फर्म एक्सफेनो के को-फाउंडर कमल कारंत ने बताया, हाल के समय में बहुत सी आईटी कंपनियों की ओर से फ्रीलांसर्स की मांग बढ़ी है क्योंकि ऐसे स्किल्स वाले प्रोफेशनल्स फुल-टाइम जॉब नहीं करना चाहते और वे प्रोजेक्ट के आधार पर कंपनी के साथ जुड़ना पसंद करते हैं।
आईटी इंडस्ट्री में अभी यह ट्रेंड शुरुआती दौर में है लेकिन इसके बढ़ने की पूरी संभावना है। इस बारे में किए गए प्रश्नों का इंटेल, आईबीएम, एक्सेंचर और कॉग्निजेंट ने उत्तर देने से मना कर दिया। कंसल्टिंग कंपनी केली ओसीजी के सीनियर डायरेक्टर (एशिया पेसिफिक), फ्रांसिस पद्माभन ने बताया, अगर आप आईटी इंडस्ट्री में जावा जैसे सामान्य स्किल्स को देखें तो पर्याप्त टैलेंट मौजूद है। लेकिन नए स्किल्स में डिमांड अधिक और सप्लाई कम है। इस वजह से कैंडिडेट्स अधिक पे और वेरिएबल्स के साथ ‘इंडिपेंडेंट कॉन्ट्रैक्टर’ बनना पसंद कर रहे हैं।
यह ट्रेंड अमेरिका में पहले से मौजूद है। बड़ी कंपनियां भी अब फ्रीलांसर्स को हायर कर रही हैं। देश में आईटी सेक्टर से जुड़ी कुल वर्कफोर्स में अभी फ्रीलांसर्स की हिस्सेदारी केवल 6 पर्सेंट की है। हालांकि, स्टार्टअप और ई-कॉमर्स सेक्टर में आईटी फ्रीलांसर्स की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। मीडिया और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर्स में पहले से बड़ी संख्या में फ्रीलांसर्स मौजूद हैं। ग्लोबल लेवल पर आईटी फ्रीलांसिंग इंडस्ट्री 59 अरब डॉलर की है।
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