न्यूज़ डेस्क : सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक चीज सबसे ज्यादा चर्चा में रही है, वो है उनकी यूरोप यात्रा। इस ट्रिप के बाद से दावा किया जा रहा है कि सुशांत बदल गए थे। सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है आखिर इस ट्रिप के दौरान क्या हुआ था। अब सुशांत की गर्लफ्रेंड रह चुकीं रिया चक्रवर्ती ने इस यूरोप ट्रिप को लेकर चौंकाने वाली बात बताई है। रिया का दावा है कि यूरोप ट्रिप के दौरान सुशांत एक पेंटिंग को देखकर अजीब व्यवहार करने लगे थे।
आखिर कौन सी थी वो पेंटिंग, उसमें ऐसा क्या बना था कि सुशांत बिल्कुल ही बदल गए? चलिए आपको बताते हैं। रिया के मुताबिक यूरोप ट्रिप के दौरान सुशांत के कमरे में एक पेंटिंग टंगी हुई थी। इस पेंटिंग में सैटर्न अपने ही बच्चे को खा रहा था। जब रिया ने उनसे पूछा कि क्या हुआ है तो उन्होंने कहा कि वह उस पेंटिंग के कैरेक्टर्स को देख पा रहे हैं। रिया के मुताबिक सुशांत को पेंटिग की वजह से अजीब चीजें नजर आने लगी थीं।
रिया जिस पेंटिंग का दावा कर रही हैं वह फ्रांसिस्को डी गोया ने बनाई थी। गोया स्पेन के महान चित्रकार थे। इस तस्वीर को गोया ने ग्रीक की पारंपरिक मान्यता के आधार पर बनाया था। जिसके मुताबिक क्रोनस (शनि) इस डर से कि वह अपने बच्चों द्वारा हरा दिया जाएगा। उसने जन्म के बाद अपने हर एक बच्चे को खा लिया था। गोया ने ये पेंटिंग अपने घर की दीवार पर बनाई थी। बाद में इसे फ्रेम का रूप दिया गया।
इसके अलावा सुशांत के ट्विटर के कवर फोटो पर गौर करें तो उन्होंने एक ऐसे पेंटर की तस्वीर लगाई थी जिसने पेंटिंग बनाने के एक साल बाद ही आत्महत्या कर ली थी। अद्वितीय डच चित्रकार और शिल्पकार विंसेंट वैन गॉग के बारे में ये कहा जाता है कि उन्होंने आत्महत्या की थी। ये पेंटिंग उन्होंने तब बनाई थी जब वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
इसके अलावा सुशांत के ट्विटर के कवर फोटो पर गौर करें तो उन्होंने एक ऐसे पेंटर की तस्वीर लगाई थी जिसने पेंटिंग बनाने के एक साल बाद ही आत्महत्या कर ली थी। अद्वितीय डच चित्रकार और शिल्पकार विंसेंट वैन गॉग के बारे में ये कहा जाता है कि उन्होंने आत्महत्या की थी। ये पेंटिंग उन्होंने तब बनाई थी जब वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
‘स्टारी नाइट’ नाम की इस पेंटिंग को विंसेट ने साल 1889 में डिप्रेशन के इलाज के दौरान बनाया था। एक साल बाद 1890 में विंसेट ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उस वक्त वह सिर्फ 37 वर्ष के थे। 37 साल की उम्र में उन्होंने उथल-पुथल भरी ज़िंदगी, नौकरी, डिप्रेशन और अकलेपन के चलते आत्महत्या की थी। इन 10 सालों में उन्होंने करीब 900 पेंटिंग्स और रेखाचित्र बनाए। ऐसा कहा जाता है कि उनके चित्रों का आज भी अर्थ निकालना मुश्किल है।
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