नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ट्रांसजेंडर के आधार से पैन जोड़ने में उत्पन्न अनियमितता दूर करने को कहा है। केंद्र ने सोमवार को शीर्ष अदालत को बताया कि वह स्थिति से अवगत है और अनियमितता दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘हम समस्या के समाधान के लिए चिंतित हैं। या तो आप आधार या पैन को सही करें, लेकिन यह सही होना चाहिए।’
केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ को आश्वासन दिया कि सरकार स्थिति को लेकर सक्रिय है और अनियमितता दूर करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। याची की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि केंद्र को निर्देश दिया जाए। पैन पर पृथक थर्ड जेंडर सुनिश्चित करने को कहा जाए ताकि ट्रांसजेंडर इसे आधार से लिंक कराने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि पैन में थर्ड जेंडर उपलब्ध नहीं रहने से आधार के साथ उसे जोड़ने में समस्या उत्पन्न हो रही है।
महिलाओं के परमानेंट कमीशन पर स्पष्ट नीति बनाए केंद्र
रक्षा सेवाओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में सेवारत महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने पर स्पष्ट नीति तैयार नहीं करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के प्रति नाराजगी जाहिर की है। शीर्ष अदालत ने सरकार से इस मुद्दे पर अंतिम रुख अपनाने को कहा है। जस्टिस एनवी रमाना और जस्टिस एसए नजीर की पीठ ने रक्षा मंत्रालय को इस संबंध में आठ मई से पहले दो सप्ताह में हलफनामा पेश करने को कहा है। केंद्र ने नीति तैयार करने के लिए छह माह का समय मांगा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई आठ मई को तय की है।
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