नवम्बर मध्य तक चीनी उत्पादन घटकर 11.6 लाख टन रहा

नई दिल्ली। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि पिछले महीने शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में 15 नवम्बर तक भारत का चीनी उत्पादन 15 प्रतिशत घटकर 11.6 लाख टन रह गया है। इस्मा ने जारी बयान में यह जानकारी दी। इस्मा ने अपने बयान में कहा कि चीनी उत्पादन के लिए विपणन वर्ष 2018-19 में पेराई का काम शुरू हो गया है लेकिन गत वर्ष के मुकाबले 15 नवम्बर, 2018 तक 238 चीनी मिलों में ही गन्ने की पेराई हो रही है। पिछले साल की समान अवधि में 349 चीनी मिलें पेराई कर रही थी। इस वर्ष पेराई का काम देर से शुरू होने के कारण, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 15 नवम्बर, 2018 तक 1.76 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है जबकि पिछले साल 15 नवम्बर तक उसने 5.67 लाख टन उत्पादन किया था।

हालांकि महाराष्ट्र में समीक्षाधीन अवधि के दौरान चीनी उत्पादन बढ़कर 6.31 लाख टन हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.26 लाख टन था। कर्नाटक में चीनी उत्पादन पहले के 3.71 लाख टन से घटकर इस बार 1.85 लाख टन रह गया है। उत्पादन में गिरावट से चीनी की मांग पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि मिलों के पास एक करोड़ टन का पीछे का स्टॉक बचा हुआ है, जबकि चीनी की वार्षिक घरेलू मांग 2.6 करोड़ टन है। इस्मा ने जुलाई में वर्ष 2018-19 में 3.55 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान लगाया था लेकिन देश के कुल चीनी उत्पादन में लगभग 80 प्रतिशत का योगदान करने वाले तीन प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की फसल प्रभावित होने के बाद उसने अपने अनुमान को संशोधित कर उसे घटा दिया। इस्मा ने पिछले महीने अनुमान लगाया था कि चालू 2018-19 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितम्बर) में उत्पादन पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 3.25 करोड़ टन के मुकाबले घटकर 3.15 करोड़ टन रह सकता है।

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