के-4 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, पानी के अंदर से चीन और पाकिस्तान को बनाया जा सकता है निशाना

न्यूज़ डेस्क : चीन की राजधानी बीजिंग से लेकर पाकिस्तान के सभी शहरों को अपनी जद में लेने की क्षमता रखने वाली स्वदेश निर्मित के-4 बैलेस्टिक मिसाइल के पनडुब्बी संस्करण का रविवार को सफल परीक्षण किया गया। इस संस्करण के परीक्षण के प्रयास पिछले दो साल से किए जा रहे थे। करीब 3500 किलोमीटर दूरी तक मार करने वाली यह मध्यवर्ती मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इस परीक्षण की सफलता के साथ ही भारतीय सेना की पनडुब्बी से दुश्मनों के ठिकानों पर मिसाइल दागने की क्षमता और मजबूत हो गई है।

 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, के-4 मिसाइल के पनडुब्बी संस्करण का परीक्षण रविवार को दिन के समय आंध्र प्रदेश के तट पर किया गया। इसे पानी के अंदर मौजूद प्लेटफार्म से फायर किया गया। यह स्वदेश में विकसित की गई उन दो मिसाइलों में से एक है, जिन्हें भारतीय पनडुब्बियों को दिया जाएगा। के-4 के अलावा दूसरी मिसाइल बीओ-5 है, जिसकी मारक क्षमता करीब 700 किलोमीटर है।

अरिहंत पर किया जाएगा तैनात

इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। इसे स्वदेश में निर्मित अरिहंत क्लास की परमाणु पनडुब्बियों के बेड़े पर तैनात किया जाएगा। परमाणु पनडुब्बी पर तैनात किए जाने से पहले इस मिसाइल के अभी कई और परीक्षण किए जाएंगे। बता दें कि फिलहाल भारत के पास आईएनएस अरिहंत के रूप में स्वदेशी तौर पर विकसित एक ही परमाणु पनडुब्बी है, जबकि एक अन्य परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात के जल्द शामिल होने की संभावना है।

दुनिया के छह देशों में है भारत

भारत जमीन, हवा और पानी के अंदर से परमाणु मिसाइल को दागने की क्षमता रखने वाले दुनिया के महज छह देशों में शामिल है। भारत के अलावा यह क्षमता अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के ही पास है। 

ऐसी है के-4 मिसाइल

  • 3500 किलोमीटर तक कर सकती है हमला
  • 12 मीटर है इस मिसाइल की लंबाई
  • 3 मीटर है के-4 मिसाइल की गोलाई
  • मिसाइल का वजन 17 टन है
  • 2000 किलो तक के हथियार ले जाने में सक्षम
  • 20 मीटर गहरे पानी में लॉन्चर से भी छोड़ सकते हैं

 

यह हैं खासियत : सूत्रों के मुताबिक, के-4 मिसाइल में बूस्टर ग्लॉराइड फ्लाइट प्रोफाइल्सी तकनीक है। इसकी मदद से यह किसी भी एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम को चकमा दे सकती है। इसके नेविगेशन सिस्टम में सैटेलाइट अपडेट की भी सुविधा है। इसके चलते यह लक्ष्य को पूरी सटीकता से भेदती है।

 

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