न्यूज़ डेस्क : 24 मार्च से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। हालांकि जिस तेजी से भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए सभी राज्य सरकारों और विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दें। केंद्र सरकार ने इस बारे में सोचना शुरू कर दिया है। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी है।
इससे पहले मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कोविड-19 को लेकर मंत्री समूह की बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें लॉकडाउन पर चर्चा हुई। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर आदि मंत्री मौजूद रहे।
मोदी सरकार ने फिलहाल लॉकडाउन को बढ़ाने या खत्म करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि मोदी सरकार में मंत्री का कहना है कि लॉकडाउन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। मंत्री समूह की बैठक राजनाथ सिंह के घर हुई। बैठक में देशभर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के हालातों पर समीक्षा की गई।
आजतक से बातचीत में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी लॉकडाउन पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। लॉकडाउन पर अभी फैसला लेना बहुत जल्दबाजी होगी। इससे पहले कोरोना के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने दो बड़े फैसले लिए। देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, मंत्री और सांसद तक एक साल के लिए 30 प्रतिशत कम वेतन लेंगे।
दो साल तक स्थगित रहेगी सांसद निधि फंड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी मंत्री, सांसद अपनी इच्छा से 30 प्रतिशत कम तनख्वाह लेंगे। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी कटौती वाली सैलरी लेंगे। यह फैसला एक साल तक लागू रहेगा। दूसरा बड़ा फैसला अगले दो साल के लिए सांसद निधि फंड को स्थगित रखने का लिया गया है। साल 2020-21 और 2021-22 में सांसदों को मिलने वाला फंड अब कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उपयोग किया जाएगा। हर सांसद को सांसद निधि फंड के तहत प्रतिवर्ष 5-5 करोड़ रुपये मिलते हैं।
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