महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके में शनिवार और रविवार को हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि में करीब 1 लाख 90 हज़ार हेक्टर क्षेत्र की फसल पर किसानों को हुए नुक्सान के बाद राज्य सरकार ने किसानों को मुआवज़ा देने का ऐलान किया है. बुधवार को राज्य के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए बताया की सरकार ने अपनी ओर से सर्वे कर पूरे नुक्सान के बारे में पता लगाने की शुरुआत कर दी है और एक दो दिन में आंकड़े सामने आने के बाद किसानों को मुआवज़ा भी दिया जाएगा.
केंद्र से 200 करोड़ के सहयोग की मांग
कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने बताया की राज्य सरकार ने केंद्र से 200 करोड़ रुपयों की मदद की मांग भी की है. साथ ही एनडीआरएफ से भी मदद की मांग की है. कृषि मंत्री ने किसानों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की बात कही है.
ओलावृष्टि का खेती पर असर
शनिवार और रविवार को महाराष्ट्र में हुए बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि में जहां शनिवार को 1 लाख 27 हजार हेक्टर जमीन पर मौजूद फसल पर इसका नुक्सान हुआ वहीँ दुसरे दिन करीब 60 हजार हेक्टर जमीन पर इसका नुक्सान हुआ है और करीबन 1800 गावनवो पर इसका असर है. इसका असर महाराष्ट्र के 16 जिलों में देखने मिल रहा है जिसमें जालना, अकोला और नागपुर में इसका भीषण असर देखने मिल रहा है.
मिलेगी यह रकम
कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर ने बताया की बुधवार को हुए मंत्रिमंडल बैठक में यह फैसला लिया गया है की जिन किसानों ने अपनी खेती पर बीमा कराया हुआ है उसके लिए सरकार ने प्रति हेक्टर नुक्सान पर मुआवज़े की रकम पर भी विचार किया है. मोसम्बी और संतरा की खेती में हुए नुक्सान पर प्रति हेक्टर सर्वाधिक 23 हजार 300 रूपये दिए जाएंगे जबकि केले की खेती पर करीब 40 हज़ार रुपये का मुआवज़ा प्रति हेक्टर मिलेगा. इसके अलावा आम के प्रति हेक्टर खेती पर 36 हज़ार 700 रूपये, निंबू की खेती पर प्रति हेक्टर पर 20 हजार रूपये दिया जाएगा.
कृषि मंत्री ने यह भी बताया की जिन किसानों ने बीमा नहीं करवाया है लेकिन उनके खेती को भी नुक्सान हुआ है ऐसे किसानों को एनडीआरएफ के पैमाने के अनुसार प्रति हेक्टर पर करीब 18 हजार रूपये दिए जाएंगे.
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