‘स्टार भारत’ का शो ‘निमकी मुखिया’ एक अपरंपरागत राजनीतिक प्रत्याशी द्वारा परम्पराओं को हिलाने की अनोखी कहानी है।
टेलीविज़न के अधिकांश हिन्दी सीरियलों में संस्कारी, सद्चरित्र और त्यागमयी महिला नायिकाएं हमेशा से केंद्र बिंदु रही हैं। लेकिन, पहली बार ‘स्टार भारत’ दर्शकों के लिए एक ऐसी महिला का चरित्र लेकर आया है, जो सही मायने में महिलाओं की पहचान से बिल्कुल अलग है।
‘निमकी’ एक ग़रीब पिता की बेटी है। जिसने दुनिया को हमेशा गुलाबी रंग चढ़े शीशों से ही देखा है। वह हमेशा बॉलीवुड के ख़्वाबों में खोई रहती है। गाँव के नीरस जीवन और पसंद का काम न होने के बावजूद निमकी बेहद मनमौजी और जीवन से भरपूर है। वह शादी की धुन में मग्न है और मस्त भी। सबसे ख़ास बात ये है, कि राजनीति से उसका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। लेकिन, कुछ संयोग और कुछ सरकार के नए नियमों की वजह से’निमकी’ गाँव की पहली महिला मुखिया चुन ली जाती है। इसका नतीजा यह होता है, कि ‘निमकी’ जैसी हंसमुख और मिलनसार लड़की अपने आपको नई-नई साज़िशों से घिरा पाती है, जबकि ये सब उसकी समझ से परे होता है। कई लोग चालाकी से उससे काम निकलवाने की योजना भी बनाते हैं, लेकिन ‘निमकी ‘ का अनोखापन और हरक़तें उन्हें भी चकित कर देती हैं।
‘स्टार भारत’ ऐसा नया चैनल है, जो ‘निमकी’ जैसी निर्भीक और सशक्त चरित्रों की जीवनगाथाओं की प्रेरक कहानियाँ दर्शकों के सामने लाने वाला है। यह शो ग्रामीण भारत के राजनीतिक माहौल को आधार बनाकर अनूठे ढंग से अपनी बात कहता है, जो पहले कभी नहीं दिखाया गया। लेकिन, ‘निमकी मुखिया’ में निमकी के चरित्र को जिस तर-ओ-ताज़ा व हल्के-फुल्के तरीक़े से पेश किया गया है, वैसा दर्शकों ने पहले कभी नहीं देखा होगा। यह शो ऐसी अनोखी नायिका को सामने लाता है, जो राजनीति की भूखी नहीं है, लेकिन उसका अपना अनाड़ी अंदाज़ ही एक बेहतर तथा नए सामान्य समाज को बनाने में कामयाब होता है।
‘क़िस्सागो’ द्वारा निर्मित इस शो में निमकी की ऐसी जीवन यात्रा को सामने लाने की कोशिश की गई है, जो घिसी-पीटी परम्पराओं को तोड़कर अपने अनाड़ी तरीक़ों से हालात को चुनौती देती जाती है। इस कथानक को दर्शाने के लिए गाँव की पृष्ठभूमि में ‘निमकी मुखिया’ की कहानी रची गई है। शो में ग्रामीण परिवेश की खुश्बू को भी बरक़रार रखा गया है। शो के निर्माता ने स्थानीय परंपरा और पात्रों का गहराई से अध्ययन करने के साथ-साथ वहाँ की बोलचाल, वेशभूषा और संवाद अदायगी का भी पूरा ध्यान रखा है। शो देखकर ग्रामीण दर्शकों को ऐसा लगेगा, जैसे वे अपने ही घर की कहानी देख रहे हैं। क्योंकि शो का कथानक और प्रस्तुतिकरण वास्तविकता के एकदम नज़दीक हैं।
जाने-माने टीवी लेखक ज़मा हबीब ने पहली बार इस शो में निर्माता का दायित्व निभाया है। उन्होंने बताया कि अभी तक हम टीवी पर जो देखते आए हैं, ‘निमकी मुखिया’ उससे बिल्कुल अलग और अनोखा शो है। इस शो के साथ हर दर्शक अपने आपको आसानी से जोड़ सकेगा, क्योंकि इसका गाँव के जीवन से सीधा रिश्ता है। गाँव में आज भी पुरुषों का एकाधिकार तथा वर्चस्व बरक़रार है। हमारे शो ‘निमकी मुखिया’ की विशेषताये है, कि ये पूरी तरह से मनोरंजन का ख़ज़ाना है। शो की नायिका ‘निमकी ‘बहादुर होने के साथ भोली और परिश्रमी भी है, इसके बावजूद वो आलसी और नाटकीय भी है, फिर भी है बहुत प्यारी! दरअसल, ये शो एक परंपरागत नायिका से अलग नायिका के जीवन की कहानी कहता है, जो अपनी हरक़तों से राजनीतिक परिदृश्य में एक मज़ेदार मोड़ ले आती है।
राजनीतिक बदलाव हमेशा ही समय की मांग रहा है। इसीलिए आज पुनरुत्थान के अलावा परम्पराओं को चुनौती देने की भी आवश्यकता है,लेकिन क्या किसी नायिका द्वारा गहराई तक समाई हुई सामाजिक प्रथाओं को आसानी से व सफलतापूर्वक खंडित किया जा सकता है? क्या आपने कभी किसी अपरंपरागत मुखिया का समर्थन किया है?
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