एक ऐसी बच्ची जो न केवल पढ़ाई बल्कि खेलकूद में भी आगे रहती है। पर एक दिन अचानक उसकी जिंदगी में तूफान आता है, जब उसके पड़ोस में बख्शी नाम का व्यक्ति रहने आता है। वह व्यक्ति पहले बच्ची को चॉकलेट देकर बहलाता-फुसलाता है, उसके बाद उसके साथ बलात्कार करता है। पहले तो डर के मारे बच्ची किसी से कुछ बोल नहीं पाती, लेकिन जब उसकी टीचर उससे प्यार से पूछती है तो वह सब कुछ बता देती है। इसके बाद टीचर और मां ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फोन लगाकर शिकायत की। उसके बाद स्कूलों में गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दी जाने लगती है।
यह कहानी एनसीईआरटी ने बच्चों के यौन शोषण की समस्या पर आधारित ‘कोमल’ नाम की वीडियों में जारी की है। शार्ट एनिमेटेड फिल्म को भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की चाइल्डलाइन संस्था ने बनाया है।
बच्चों को बताएं बॉडी के कुछ पार्ट्स के नाम
10 मिनट की वीडियों में बच्चों को नो टच एरियाज के बारे में विस्तार से बताया गया है। वीडियों के अनुसार चेस्ट, बॉटम और बटक्स के बारे में बताया गया है। सीखाया गया है कि यह शरीर केवल आपका है और अगर कोई बिना बताए उन्हें छूने की कोशिश करता है तो आप विरोध कर सकते हैं। साथ में अपने बड़ों को भी बता सकते हैं। बच्चे अक्सर बैड टच उसी को समझतें हैं, जिसमे उन्हें चोट लगे या दर्द महसूस हो। बच्चों को यह भी बताएं कि अगर कोई उनकी पीठ थपथपाता है या सिर सहलाता है तो यह ठीक है। अपने बच्चों को बॉडी के कुछ पार्ट्स के नाम बताने के लिए कहिए और आप उन्हें बताएं कि अगर उस जगह कोई टच करता है तो वह सही है या गलत।
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पैरेंट्स को दी सलाह
वीडियों में पैरेंट्स को भी काफी सलाह दी गई हैं। उनसे आग्रह किया गया है कि आप अपने बच्चों पर विश्वास करना सीखें। बच्चों को भरोसा दिलाएं कि आप उन पर बहुत विश्वास करते हैं। उन्हें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उनसे दोस्ताना व्यवहार रखें। ताकि कभी उनके सामने ऐसी कोई परिस्थिति आए तो वे बेझिझक आपसे खुलकर बात कर सकें। बच्चों को सीखाएं कि शाबाशी देने के मकसद से भी उन्हें टच किया जा सकता है। इसीलिए उन्हें गुड और बैड टच का अंतर समझाएं। अगर किसी भी बच्चे के साथ ऐसा हो रहा है तो वह चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर संपर्क कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय फोन सेवा है जो बिलकुल मुफ्त है।
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