इंदौर आईटीआई ने तीन कंपनी से किया एमओयू सवा करोड़ का आया फंड l
देशभर के आईटीआई को जल्द ही औपचारिक स्कूलों में तबदील करने पर विचार चल रहा है। ये स्कूल सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूल जैसे ही होंगे। इस संबंध में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था जिसे अब मंजूद कर लिया गया है। वहीं दूसरी ओर इंदौर आईटीआई के पांच साल की मेहनत रंग लाई और उसने मारूति, सेमसंग और गोदरेज के साथ एक एमओयू साइन किया है। अब आईटीआई करने वाले स्टूडेंट स्टूडेंट्स मारूति से वर्कशॉप ट्रेनिंग, सेमसंग से मोबाइल रिपेयरिंग और गोदरेज से रेफ्रिजरेशन रिपेयरिंग की नई तकनीक सीखेंगे। इसके लिए सवा करोड़ रुपए का फंड भी आ चुका है। आईटीआई इंदौर के लिए लेबोरेटरी बन चुकी है। इस वल्र्ड क्लास लेबोरेटरी में इस सत्र से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
शिक्षा बोर्ड का होगा गठन
सूत्रों की माने तो सरकार के इस फैसले से आईटीआई के स्टूडेंट दूसरे स्कूलों और कॉलेजों के नियमित पाठ्यक्रम में एडमिशन ले सकेंगे। इससे देशभर के 13 हजार से अधिक आईटीआई संस्थानों में पढऩे वाले 20 लाख से अधिक स्टूडेंट को लाभ मिलेगा। आईटीआई संस्थानों में कौशल अर्जित कर रहे हुनरमंद स्टूडेंट को 10वीं और 12वीं के समकक्ष रेगुलर डिग्री और प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एचआरडी) सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर अलग से एक शिक्षा बोर्ड का गठन भी करेगी। इससे आईटीआई से पास स्टूडेंट को दूसरे स्कूल-कॉलेजों के नियतिम कोर्स में एडमिशन लेने में सहूलियत होगी।
10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाण पत्र देने के लिए करेंगे अधिकृत
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एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप मिलते ही राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्ष्ज्ञण परिषद(एनसीवीटी) को शैक्षणिक परीक्षा आयोजित करने और आईटीआई के स्टूडेंट को 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाण पत्र देने के लिए अधिकृत किया जाएगा। अधिकारी ने बताया इस संबंध में सीबीएसई, यूजीसी, एनसीईआरटी और राज्य शिक्षा बोर्ड से सलाह मशविरा के बाद यूजीसी और एआईसीटीई जैसे निकायों को सूचित किया जाएगा कि वे आईटीआई से पास करने वाले स्टूडेंट को 12वीं कक्षा पास के रूप में मान्यता देने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय को निर्देश दें।
पांच साल से कर रहे थे मेहनत
हाल ही में इंदौर आईटीआई ने तीन कंपनी के साथ मिलकर एक एमओयू साइन किया है। इसके लिए करीब सवा करोड़ का फंड भी आ चुका है। करीब पांच साल से हम बेहतर सुविधा और नई तकनीक का प्रशिक्षण स्टूडेंट्स को देने का प्रयास कर रहे थे। इस वल्र्ड क्लास लेबोरेटरी में इस सत्र से प्रशिक्षण दिया जाएगा। आने वाले समय में आईटीआई स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स या उससे भी बेहतर सुविधा देने का प्रयास चल रहा है। एमओयू साइन होने के बाद अब स्टूडेंट्स को नई तकनीक की जानकारी मिलेगी।
दीपक भंडारी, इंडस्ट्रलिस्ट एवं आईटीआई इंदौर बोर्ड मेंबर ने इश को एक अच्छा पहल बताते हुए कहा की इश से फ्यूचर मे बहुत फ़ायदा मिलने की संभावना है l
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