- लोगों को रोज गर्म पानी पीना चाहिए और कम से कम आधे घंटे का समय योग को देना चाहिए
- रोजाना दस ग्राम च्यवनप्राश का भी उपभोग करना चाहिए
- सामान्य चाय की जगह हर्बल चाय का इस्तेमाल करने से बढ़ेगी इम्यूनिटी
- नासिका द्वार पर सुबह और शाम नारियल या देशी घी लगाना चाहिए।
- गले की खराश छुटकारा पाने के लिए ताजे पुदीने की पत्तियों या अजवाइन की भाप ले
न्यूज़ डेस्क : देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच आयुष मंत्रालय ने शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) बढ़ाने के लिए कुछ उपाय अपनाने का सुझाव दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों को रोज गर्म पानी पीना चाहिए और कम से कम आधे घंटे का समय योग करने के लिए देना चाहिए।
इसके अलावा जिन मसालों को हम लंबे अरसे से अपने खाने में इस्तेमाल करते आ रहे हैं, उनका अपने भोजन में उपभोग करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये उपाय कोरोना की बीमारी में उपचार के तौर पर नहीं दिए जा रहे हैं, बल्कि इनको अपना कर शरीर की क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए लोगों को रोजाना दस ग्राम च्यवनप्राश का भी उपभोग करना चाहिए। सामान्य चाय की जगह अगर लोग हर्बल चाय का इस्तेमाल करें तो उससे भी शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
हर्बल चाय की जगह तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ, मुनक्का से बने काढ़े को सामान्य गर्म पेय की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। दिन में एक या दो बार दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा होता है। इन सभी मसालों को भारतीय लंबे समय से अपनाते आ रहे हैं।
कोरोना का संक्रमण श्वांस की नली के द्वारा होता है। लेकिन नासिका द्वार सही तरीके से काम करने पर किसी संक्रामक तत्वों के शरीर में प्रवेश करने से रोकने में मदद मिल सकती है। इसलिए सुबह और शाम नासिका द्वार पर नारियल या देशी घी लगाना चाहिये।
इससे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व नासिका के प्रवेश द्वार पर ही तैलीय पदार्थ से चिपक कर रह जायेंगे और वे शरीर में प्रवेश नहीं कर पायेंगे। गर्म पानी से कुल्ला कर मुंह साफ करने की कोशिश करें, इससे भी मुंह के जरिये होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
वहीं गले की खराश या हल्के दर्द से छुटकारा पाने के लिए ताजे पुदीने की पत्तियों या अजवाइन की भाप लेनी चाहिए। लवांग को गुड़ या शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से तीन बार खाने से भी गले की खराश या दर्द को कम करने में मदद मिलती है। अगर इन उपायों को अपनाने के बाद भी आराम न मिलता हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
विशेषज्ञ की सलाह : सीसीआरएएस में अनुसंधान अधिकारी विपिन शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि ये उपाय हमारे स्वस्थ शरीर को स्वस्थ बनाये रखने और बीमार शरीर को स्वस्थ बनाने के तौर पर इस्तेमाल किये जाते रहे हैं।
इन उपायों को बीमार होने के दौरान ही इस्तेमाल करने की जगह बजाय सामान्य स्थिति में भी प्रयोग करना चाहिए। कोई भी विषाणु-हानिकारक जीवाणु शरीर पर तभी आक्रमण करने में सक्षम होता है जब शरीर का प्रतिरक्षा तन्त्र उसे रोकने में कामयाब नहीं होता है। इसलिए इन उपायों को अपनाकर उसे पहले ही मजबूत बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
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