सूरत में ‘स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण’ सम्मेलन शुरू हुआ, इसमें देश भर से 100 स्मार्ट शहर शामिल हुए
इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स प्रतियोगिता 2020 के विजेताओं को सम्मानित किया गया; सूरत और इंदौर को सर्वश्रेष्ठ शहर का पुरस्कार मिला; उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार
आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट सिटी मिशन को जन आंदोलन में बदल देने का आह्वान किया; कहा- स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सरकार द्वारा वित्त पोषित लगभग 100% परियोजनाओं में काम शुरू हो गया है
शहरी आउटकम संरचना 2022, मंत्रालय के एकीकृत डेटा पोर्टल- एएमपीएलआईएफआई और स्मार्ट सिटी मिशन के लिए आउटपुट आउटकम डैशबोर्ड सहित कई पहलों का शुभारंभ किया गया
आज गुजरात के सूरत शहर में 3 दिवसीय “स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण” सम्मेलन का भव्य उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए प्रधानमंत्री के आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के स्पष्ट आह्वान के तहत सूरत स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन डेवलपमेंट लिमिटेड के साथ मिलकर भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए) कर रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी मुख्य अतिथि थे। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुश्री दर्शना जरदोश, गुजरात के शहरी विकास और शहरी आवास मंत्री श्री विनोद मोरादिया, आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. ऑडिमुलपु सुरेश, सांसद श्री सी.आर. पाटिल, और सूरत की मेयर श्रीमती हेमाली कल्पेशकुमार बोघावाला ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के सभी प्रमुख शहरी हितधारक शामिल हुए, जिनमें अन्य लोगों के साथ-साथ सचिव, एमओएचयूए श्री मनोज जोशी, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिव, शहरों के नगर आयुक्त, 100 स्मार्ट शहरों के एमडी/सीईओ, राज्य स्तरीय नोडल एजेंसियां/मिशन निदेशालयों, पेशेवरों, उद्योग प्रतिनिधियों, मीडिया और शिक्षाविदों ने भी भाग लिया। इसमें 100 स्मार्ट शहरों में लागू की जा रही कुछ महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला गया।
उद्घाटन सत्र के दौरान एक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड्स प्रतियोगिता (आईएसएसी) 2020 के पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों की घोषणा पहले ही 2021 में वर्चुअल सम्मेलन के माध्यम से की गई थी। हालांकि, उस समय मौजूदा कोविड-19 हालात के कारण पुरस्कार वितरण समारोह को स्थगित कर दिया गया था। सूरत और इंदौर को सर्वश्रेष्ठ शहर का पुरस्कार दिया गया, जबकि उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार दिया गया है। पुरस्कार विजेताओं की सूची अनुबंध I, II और III में संलग्न है।
इस कार्यक्रम में शहरी आउटकम संरचना 2022 का विमोचन भी शामिल है। इसमें ‘आसान रहन-सहन यानी ईज ऑफ लिविंग’, ‘नगरपालिका प्रदर्शन सूचकांक’, ‘डेटा परिपक्वता और जलवायु स्मार्ट शहरों का आकलन ढांचा’ भी शामिल है। मंत्रालय का एकीकृत डेटा पोर्टल एएमपीएलआईएफआई, जो भारतीय शहरों के बारे में मूल्यवान डेटा प्रदान करेगा, को भी लॉन्च किया गया। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी मिशन ने कार्यक्रम के दौरान जीएमआईएस में आउटकम आउटपुट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क (ओओएमएफ) डैशबोर्ड के साथ एक व्यापक डैशबोर्ड भी लॉन्च किया।
‘स्मार्ट सिटी, स्मार्ट शहरीकरण’ मेगा कॉन्क्लेव के उद्घाटन के दिन देश भर से पंजीकृत 1000 से अधिक प्रतिभागियों के लिए विभिन्न संवादात्मक गतिविधियों, प्रख्यात वक्ताओं के साथ बातचीत, और सार्वजनिक स्थलों का नव-निर्माण, डिजिटल गवर्नेंस, जलवायु स्मार्ट शहरों, नवाचार और स्मार्ट वित्त जैसे 5 विषयों में सीखने की व्यवस्था की गई। समारोह में आए गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शित किए जा रहे पांच विषयगत मंडपों का भ्रमण किया। इन पांच विषयों वाले मंडपों में स्मार्ट शहरों में विकसित की जा रही विभिन्न शहरी परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया।
“स्मार्ट सिटी मिशन में लगभग सभी सरकारी वित्त पोषित परियोजनाओं में काम शुरू हो गया है, और एससीएम के तहत परियोजनाएं अगले साल तक पूरी हो जाएंगी। 100 स्मार्ट शहरों में से 80 शहरों में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र हैं, और बाकी 20 शहरों में इस साल 15 अगस्त तक ये केंद्र चालू हो जाएंगे। स्मार्ट शहरों का चयन हितधारक परामर्श द्वारा किया गया था, और मिशन के तहत पूरी की जा रही परियोजनाएं कोविड की वजह से आई रूकावटों के बावजूद, सरकारी योजनाओं में सबसे अधिक तेजी से चल रही हैं। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की सफलता का प्रदर्शनात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सीखने के अनुभवों को साझा करना और बेहतर प्रदर्शन करने वालों की पहचान स्मार्ट सिटी मिशन को जन आंदोलन बनाने में एक लंबा सफर तय करेगी। आइए हम एससीएम की उपलब्धियों को दोहराने के लिए एक कदम उठाएं, ताकि यह लोगों की कल्पना से सामंजस्य बिठाए और एक जन आंदोलन बन सके।“
श्री हरदीप सिंह पुरी, मंत्री, आवास और शहरी मामले, भारत सरकार
“आज, स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित परियोजनाओं ने हमारे शहरों को सशक्त बनाया है। स्मार्ट शहरों को न केवल स्वच्छता और तकनीकी पहलुओं पर जोर देना चाहिए, बल्कि लोगों को बुनियादी सुविधाएं और रोजगार के अवसर प्रदान करके उनका समग्र विकास भी करना चाहिए। सभी स्मार्ट सिटी को शराब मुक्त, नशीली दवाओं से मुक्त और धूम्रपान मुक्त होना चाहिए और पूरे देश के लिए यही प्रयास होना चाहिए।”
श्री कौशल किशोर, राज्य मंत्री, आवास और शहरी मामले, भारत सरकार
“शहरी विकास एक विशाल और जटिल विषय है और स्मार्ट सिटी मिशन 100 स्मार्ट शहरों में इन परियोजनाओं को बड़े सलीके से लागू कर रहा है।”
श्री मनोज जोशी, सचिव, एमओएचयूए
सम्मेलन के दौरान प्रमुख शुभारंभ/घोषणाएं
‘अमारो पड़ोस’ का उद्घाटन:
स्मार्ट सिटी मिशन और सूरत नगर निगम ने पार्क, आंगनवाड़ी, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, नगरपालिका स्कूल, साइकिल स्टैंड के साथ बस स्टॉप, फूड प्लाजा, ईवी चार्जिंग स्टेशन, और हथकरघा की दुकान जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के साथ एसआईईसीसी स्थल पर 30,000 वर्ग फुट में एक बड़े आकार का अस्थायी पड़ोस बनाया। इस अस्थायी पड़ोस का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने किया। इसका उद्देश्य कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को ‘अनुभव करके सीखने’ का अवसर प्रदान करना है। इस अस्थायी पड़ोस का निर्माण शहरी नियोजन और डिजाइन, वास्तुकला, परिदृश्य डिजाइन, यातायात अध्ययन और सिविल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता वाले पेशेवरों के सम्मिलित प्रयास से एक सप्ताह में किया गया था।
स्मार्ट सिटी मिशन और विश्व आर्थिक मंच के बीच साझेदारी में ‘शहरी परिवर्तन पर सहयोग के लिए वर्चुअल हब‘ का शुभारंभ।
जटिल शहरी चुनौतियों को हल करने के लिए, शहरों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सरकारों, उद्योग, शिक्षा और नागरिक समाज के बीच सहयोगात्मक तरीके से काम करने की आवश्यकता होती है। स्मार्ट सिटी मिशन और विश्व आर्थिक मंच ने ‘शहरी परिवर्तनों पर सहयोग के लिए वर्चुअल हब’ स्थापित करने के लिए हाथ मिलाया है। यह हब भारतीय शहरों को टिकाऊ, समावेशी और विकास के लचीला केंद्रों में बदलने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का लाभ उठाएगा।
डिजिटल गवर्नेंस मंडप- डेटा और डिजिटल तकनीक के साथ समुदायों को सशक्त बनाना
डेटा और डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने वाली पहलों को उजागर करने के लिए ‘स्मार्ट सिटी स्मार्ट शहरीकरण’ सम्मेलन में ‘डिजिटल दुनिया’ मंडप का उद्घाटन किया गया। आईसीटी से संचालित एक मजबूत परितंत्र के निर्माण में 100 स्मार्ट शहरों में अपनाई गई पहलों का प्रदर्शन किया गया। इस मंडप में डेटा पहल और 100 स्मार्ट शहरों द्वारा लागू/शुरू किए गए स्मार्ट समाधानों के कुछ प्रत्यक्ष अनुभव प्रस्तुत किए गए। वास्तविक समय डेटा, एआई/एमएल मामलों और भारत शहरी डेटा विनिमय और एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) जैसे मंचों के उपयोग के साथ डिजिटल गवर्नेंस से स्वीकृत लाभों को प्रदर्शित करने के लिए संवादात्मक कार्यशालाओं और सत्रों का आयोजन किया गया। मंडप का मुख्य आकर्षण सूरत के एसएमएसी आईसीसीसी का लाइव फीड और मिशन की विभिन्न आईसीटी पहलों का वर्चुअल रियलिटी दौरा था।
शहरी आउटकम संरचना 2022, शहरों के लिए एआई प्लेबुक और एएमपीएलआईएफआई पोर्टल का शुभारंभ
स्मार्ट सिटी मिशन ने शहरी आउटकम संरचना 2022, शहरों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्लेबुक और एएमपीएलआईएफआई – रहने योग्य, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार शहरी भारत के लिए आकलन और निगरानी मंच लॉन्च किया जो कि एमओएचयूए का एकीकृत डेटा पोर्टल है। इन पहलों ने सरकारी एजेंसियों, निजी क्षेत्र के उद्यमों, वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक संस्थानों, व्यवसायों, स्टार्ट-अप, नागरिक समाज आदि सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के जुड़ाव को बढ़ाया। इसके पीछे का विचार एक ऐसा मंच प्रदान करना है जो इस बात के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करे कि कैसे शहरों के जटिल मुद्दों का समाधान करने वाले डेटा के निर्माण को जारी रखा जाए और उसके उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
एआई प्लेबुक कृत्रिम बुद्धिमता समाधानों के कार्यान्वयन के लिए एक निर्देशिका है जिसका सिटी जटिल शहरी मुद्दों को हल करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक लागू किए गए एआई उपयोग के मामलों का एक संग्रह भी इस कार्यक्रम में जारी किया गया। ये संसाधन न केवल 100 स्मार्ट शहरों के लिए बेहद उपयोगी होंगे, बल्कि देश भर के अन्य शहर भी स्मार्ट सिटी मिशन को आंदोलन बनाते हुए इन्हें अपना सकते हैं।
ये प्रयास डेटा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र जैसे डेटा परिपक्वता आकलन संरचना, आईसीसीसी परिपक्वता आकलन संरचना, भारत शहरी डेटा विनिमय, डेटा स्मार्ट सिटी, राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन और भारत शहरी वेधशाला में स्मार्ट सिटी मिशन की पहले की पहलों की निरंतरता में हैं।
नवाचार बाजार मंडप – सामाजिक मुद्दों को परिभाषित और हल करना
भारतीय शहरों को लचीला बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के स्पष्ट आह्वान पर काम करते हुए स्मार्ट सिटी मिशन के नवाचार कार्यक्रम ने स्मार्ट शहरों और स्टार्टअप्स के बीच की खाई को पाटने के लिए बहुत कुछ किया है। सम्मेलन में नवाचार बाजार मंडप ने शहरी चुनौतियों के लिए अत्याधुनिक समाधानों का प्रदर्शन किया, और असंख्य गतिविधियों, विशेषज्ञ संवादों और जीवित प्रयोगशालाओं की तैनाती के माध्यम से आगंतुकों को शहरी नवाचार में एक आदर्श परिवर्तन अनुभव प्रदान किया। मंडप में कई स्टार्टअप ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।
जलवायु स्मार्ट सिटी मंडप – शहरों में क्लाइमेट एक्शन बनाने के लिए
कैफे, एक मंडप, 7 केस क्लीनिक, 4 डोनर मीट, इंटरेक्टिव गेमिंग, एक इंटरेक्टिव डेटा वॉल, एक फोटो-प्रदर्शनी और बहुत कुछ की मेजबानी करने वाला एक अनुभवात्मक मंच है। इस मंडप में 2 दिनों में शहर के नेताओं और स्थानीय तौर पर बदलाव लाने वालों के साथ विचारशील, और कार्य-उन्मुख प्रारूप में अत्याधुनिक कार्यक्रम कराए जाएंगे।
स्मार्ट वित्त मंडप – राष्ट्रीय संपत्ति के चालक के रूप में शहर
‘वित्त का अड्डा’ नाम का स्मार्ट वित्त मंडप शहरी वित्त में नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने वाला है जिससे शहरों को राजस्व के नए स्रोतों की पहचान करने में मदद मिलती है। इस मंडप में स्मार्ट सिटी मिशन की 20 से अधिक सफल और अभिनव पीपीपी परियोजनाओं की प्रदर्शनी, म्यूनिफी (एमयूएनआईएफवाई) के साथ एक खंड (जहां यूएलबी अपने बजट और वित्त अवलोकन जान सकेंगे), निवेश भारत ग्रिड खंड, नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी), और एक आउटपुट और आउटकम निगरानी संरचना (ओओएमएफ) क्लिनिक का प्रदर्शन किया जाएगा। इस मंडप में विविध शहरी वित्त मुद्दों पर 29 वैश्विक/राष्ट्रीय विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे।
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अनुलग्नक – I: आईएसएसी 2020 के तहत जीतने वाले स्मार्ट शहरों की सूची
परियोजना पुरस्कार: विषय -वार विजेता / संयुक्त-विजेता
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सामाजिक पहलु
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गवर्नेंस |
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संस्कृति | संयुक्त विजेता (इंदौर और चंडीगढ़)
चंडीगढ़: कैपिटल कॉम्प्लेक्स, हेरिटेज प्रोजेक्ट 3.ग्वालियर: डिजिटल संग्रहालय
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शहरी पर्यावरण
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संयुक्त विजेता (भोपाल और चेन्नई)
1. भोपाल: स्वच्छ ऊर्जा और चेन्नई: जल निकायों की पुनरुद्धार
3. तिरुपति – अक्षय ऊर्जा उत्पादन
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स्वच्छता
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संयुक्त विजेता (तिरुपति और इंदौर)
1. तिरुपति: बायोरेमेडिएशन और बायो-माइनिंग और इंदौर: नगर अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली
3. सूरत: उपचारित अपशिष्ट जल के माध्यम से संरक्षण
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अर्थव्यवस्था
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संयुक्त द्वितीय (तिरुपति और आगरा)
2.तिरुपति: डिज़ाइन स्टूडियो के माध्यम से स्थानीय पहचान और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दें 2.आगरा: सूक्ष्म कौशल विकास केंद्र
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निर्मित पर्यावरण
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1. इंदौर: छप्पन दुकान
2. सूरत: कैनाल कॉरिडोर 3. इरोड: सूक्ष्म खाद केंद्र
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पानी
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संयुक्त विजेता (देहरादून और वाराणसी)
वाराणसी: अस्सी नदी की पारिस्थितिकी- पुनरुद्धार
3. सूरत: एकीकृत और सतत जल आपूर्ति प्रणाली
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आईसीसीसी का सतत बिजनेस मॉडल
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अगरतला आईसीसीसी
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शहरी गतिशीलता
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1.औरंगाबाद: मांझी स्मार्ट बस
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नवाचार पुरस्कार
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नवाचार आइडिया पुरस्कार | इंदौर: कार्बन क्रेडिट फाइनेंसिंग मैकेनिज्म
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कोविड नवाचार पुरस्कार | संयुक्त विजेता: कल्याण-डोंबिवली और वाराणसी
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कोविड नवाचार पुरस्कार
(राउंड-वाइज विजेता)
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राउंड 1: चेन्नई
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राउंड 3: बेंगलुरु
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राउंड 4: सहारनपुर
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सिटी अवार्ड
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कुल मिलाकर विजेता
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संयुक्त विजेता: इंदौर और सूरत
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राउंड 1
(राउंड-वार मान्यता)
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3.जबलपुर
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राउंड 2+एफटी
(राउंड-वार मान्यता)
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राउंड 3 (राउंड-वार मान्यता)
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1.देहरादून
2.सागर 3.तिरुनेलवेली
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राउंड 4
(राउंड-वार मान्यता)
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1.इरोड |
अनुलग्नक II: राज्य/संघ राज्य क्षेत्र पुरस्कार श्रेणी के अंतर्गत विजेताओं की सूची
राज्य पुरस्कार
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राज्य पुरस्कार
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यूटी अवार्ड
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यूटी अवार्ड
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चंडीगढ़
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अनुलग्नक III: स्मार्ट सिटी लीडरशिप अवार्ड के तहत विजेताओं की सूची
स्मार्ट सिटीज लीडरशिप अवार्ड
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अनुलग्नक IV: स्मार्ट सिटी मिशन के बारे में संक्षिप्त – भौतिक और वित्तीय प्रगति
स्मार्ट सिटी मिशन को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून, 2015 को शुरू किया था। यह शहरी कायाकल्प के लिए एक दूरदर्शी एजेंडे का हिस्सा रहा है और इसे शहरों में रह रहे देश की 40% जनसंख्या की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक बहु-स्तरीय रणनीति के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है।
एससीएम एक परिवर्तनकारी मिशन है जिसका उद्देश्य देश में शहरी विकास के कामकाज के तरीके में में एक बड़ा बदलाव लाना है। एससीएम के तहत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से 1,93,143 करोड़ रुपये (मूल्य के हिसाब से 94%) की 7,905 परियोजनाओं के लिए अब तक निविदा दे दी गई है, और लगभग 1,80,508 करोड़ रुपये (मूल्य के अनुसार 88%) की 7,692 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं। 60,919 करोड़ रुपये (मूल्य के हिसाब से 33%) की 3,830 परियोजनाएं भी पूरी तरह से पूरी हो चुकी हैं और चालू हैं (10 अप्रैल, 2022)।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2,05,018 करोड़ रुपये के कुल निवेश में से 93,552 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार की निधियों से विकसित करने का प्रस्ताव किया गया था। इन सरकारी वित्त पोषित परियोजनाओं में से लगभग 100% यानी 92,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को कार्य का आदेश जारी कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन में वित्तीय प्रगति में भी तेजी आई है। 2018 में मिशन में जो कुल खर्च 1,000 करोड़ था, वो आज बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये हो गया है। भारत सरकार की ओर से शहरों को जारी कुल निधि का उपयोग प्रतिशत 91% है।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित परियोजनाएं बहु-क्षेत्रीय हैं और स्थानीय आबादी की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं। अब तक, 80 स्मार्ट शहरों ने देश में अपने एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों (आईसीसीसी) का विकास और संचालन किया है। इन केंद्रों (आईसीसीसी) ने कोविड प्रबंधन के लिए वॉर-रूम के रूप में कार्य किया, और मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट बुनियादी ढांचे के साथ, सूचना प्रसार, संचार में सुधार, पूर्व विश्लेषण और प्रभावी प्रबंधन की मदद से इस महामारी से लड़ने में शहरों की काफी मदद की।
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