न्यूज़ डेस्क : नींद के साथ खिलवाड़ करने का अर्थ जीवन के साथ खिलवाड़ करना है। विभिन्न शोध हमें लगातार भरपूर नींद लेने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन हमारी औसत नींद कम होती जा रही है। इस वजह से तनाव के साथ ही कई तरह की समस्याएं हमें घेर रही हैं। 21वीं सदी पर्यावरण प्रदूषण की ही नहीं, बल्कि नींद की कमी की भी सदी है। शहरों की जिंदगी और भागदौड़ भरी जीवनशैली ने हमे नींद की बीमारी दे दी है।
90 फीसदी से ज्यादा भारतीय नींद की समस्या से जूझ रहे हैं। बस 2 फीसदी ही इस बीमारी को लेकर सचेत हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं। यही वजह है कि हमें अपनी नींद को लेकर जागरूक होने के लिए ‘विश्व नींद दिवस’ तक मनाने की जरूरत पड़ रही है!
दरअसल, चिंता इतनी ही नहीं बल्कि इससे कई ज्यादा गंभीर है। नींद की कमी आपको शारीरिक थकान, अवसाद, चिड़चिड़ापन और सिर दर्द ही नहीं देती, बल्कि आपकी प्रजनन क्षमता को भी कम कर देती है। पहली बार शोधकर्ताओं ने इस तरह हमारा ध्यानाकर्षण किया है।
नीदरलैंड के आरहूस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वियना के ‘यूरोपियन सोसायटी ऑफ ह्युमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रीओलॉजी’ सम्मेलन में बताया है कि कम नींद लेने वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या में गिरावट आ जाती है। प्रजनन क्षमता प्रभावित होने लगती है।
यह शोध इस तरफ जोर देता है कि कम से कम आठ घंटे की नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। शोधकर्ताओं का कहना है कि भरपूर नींद लेने से हमारा मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है। शरीर के स्वास्थ्य के लिए मेटाबॉलिज्म का ठीक करना बेहद जरूरी है। लेकिन अगर हम कम सोते हैं और रात में देर से सोते हैं तो हमारा मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
क्या कम नींद आना बीमारी है?
बहुत से लोगों को यह बात पता ही नहीं होती कि कम नींद आना भी बीमारी है। वह इसे सामान्य मानकर चलते हैं और नींद की गड़बड़ी को लेकर कभी डॉक्टरी सलाह लेते ही नहीं है। जबकि इस वक्त दुनियाभर में नींद की कमी खतरनाक बीमारी के तौर पर उभर के सामने आ रही है। अगर आपको नींद से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या हो रही है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। फौरन डॉक्टर को दिखाएं। ‘स्लिप डिसऑर्डर’ यानी कम नींद आना या अनिद्रा कई तरह से आपके शरीर को प्रभावित कर सकती है।
आमतौर पर अनिद्रा को आप इन कुछ लक्षणों से पहचान सकते हैं
* सोने में दिक्कत होना।
* देर रात तक नींद का न आना।
* दिन के वक्त नींद आना और शरीर में थकान बरकरार रहना।
* स्वभाव में चिड़चिड़ापन और घबराहट
* किसी चीज पर ध्यान कम लगना।
* अवसाद होना।
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