देहरादून : उत्तराखंड में स्टार्टअप के जरिये नए उद्यमियों को प्रोत्साहन और स्वरोजगार व रोजगार के हजारों अवसर खुलने का रास्ता साफ किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्टार्टअप नीति-2018 को हरी झंडी दिखा दी है। इसके तहत कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, जैविक प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण व आयुष के क्षेत्रों में 500 नए स्टार्ट अप विकसित किए जाएंगे।
नए उद्यमियों को आगे बढ़ाने को उनके प्रशिक्षण, उत्पादों की मार्केटिंग से लेकर पेटेंट तक सरकार भरपूर मदद करेगी। उन्हें जीएसटी से राहत रहेगी। वहीं अन्य अहम फैसले में नजूल भूमि नीति को मंजूरी दी। इससे राज्य में नजूल भूमि पर काबिज हजारों लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा। नजूल भूमि पर पूरी तरह से अवैध कब्जाधारक 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं करा सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। विधानसभा सत्र की अधिसूचना जारी होने की वजह से इन फैसलों की नियमित ब्रीफिंग नहीं की गई। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने नई स्टार्ट अप नीति के तहत युवाओं को नए स्टार्ट अप के विकास पर मुहर लगाई।
नए स्टार्टअप के बारे में स्टार्टअप काउंसिल फैसला लेगी। इसके तहत प्रशिक्षण के लिए चयनित सामान्य युवाओं को प्रशिक्षण के लिए प्रतिमाह 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। अनुसूचित जाति व जनजाति और दिव्यांग के युवाओं को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। स्टार्ट अप नीति में उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी सरकार मदद देगी।
इसीतरह उत्पादों की मार्केटिंग के लिए युवाओं को पांच लाख और अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं को सात लाख रुपये तक वित्तीय सहायता मिलेगी। नए उद्यमियों को पेटेंट के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। एक लाख और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। खास बात ये भी इन उद्यमियों को जीएसटी से भी राहत रहेगी।
इसी मंत्रिमंडल ने नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने की नीति को स्वीकृति दी। इससे फैसले से हजारों परिवारों को राहत मिलने जा रही है। राज्य में दो करोड़ 41 लाख 97 हजार 186 वर्गमीटर नजूल भूमि है। आजादी से पहले और बाद में कई लोगों को उक्त भूमि पर मालिकाना हक के लिए नीतियां बनाई गईं, लेकिन इनका ठीक ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पाया। अब सरकार ने नजूल भूमि नीति की तीन श्रेणियां बनाकर सर्किल रेट के आधार पर भूमि फ्रीहोल्ड शुल्क तय कर दिया है।
आवासीय श्रेणी
-जिन्होंने नियमों का उल्लंघन नहीं किया, उन्हें 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 25 फीसद, 200 से 500 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 35 फीसद व 500 वर्गमीटर से ज्यादा होने पर 60 फीसद सर्किल रेट देना होगा।
-पट्टे का नवीनीकरण नहीं कराने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 30 फीसद, 500 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 50 फीसद और इससे ज्यादा होने पर 70 फीसद जमा कराना होगा।
-शर्तो का उल्लंघन करने व गलत तरीके से पट्टा हस्तांतरण करने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 60 फीसद, 500 वर्गमीटर तक 80 फीसद व 500 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर 110 फीसद सर्किल रेट को बतौर मूल्य देना होगा।
व्यावसायिक श्रेणी
शर्तों का पालन करने वालों को 200 वर्गमीटर तक सर्किल रेट का 40 फीसद, 500 वर्गमीटर तक 50 फीसद व इससे अधिक भूमि पर 80 फीसद सर्किल रेट जमा कराना होगा। इस श्रेणी में पट्टे नवीनीकरण नहीं कराने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 50 फीसद, 70 फीसद व 90 फीसद मूल्य और शर्तों का उल्लंघन करने वालों को सर्किल रेट का क्रमश: 80 फीसद, 100 फीसद व 130 फीसद मूल्य देना होगा।
अवैध कब्जा यानी पूर्ण उल्लंघन
पूरी तरह शर्तों का उल्लंघन व अवैध कब्जाधारक 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं करा सकेंगे। 300 वर्गमीटर तक उन्हें आवासीय श्रेणी में सर्किल रेट का 120 फीसद, व्यावसायिक श्रेणी में 150 फीसद मूल्य जमा कराना होगा।
कैबिनेट फैसले
-नजूल भूमि कब्जाधारकों को मालिकाना हक, नई नीति मंजूर -अवैध कब्जे की 300 वर्गमीटर से ज्यादा भूमि फ्रीहोल्ड नहीं
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