इंदौर : राखी फेस्टिवल को देखते हुए “दी पॉप.उप फ़्ली” द्वारा 10 और 11 अगस्त से राखी बाजार का आयोजन साकेत क्लब में आयोजित किया गया। जिसमे 90 से ज्यादा स्टाल लगाए गये है ऑर्गनिज़र चांदनी सहस्नानी ने बताया हमारा उद्देश्य है ऐसी घरेलु महिलओं जो घर से व्यापार करती है को एक प्लेटफार्म देना है ताकि उनको उनके प्रोडक्ट की उचित कीमत मिल सके साथ ही विजिटर के लिए सारे यूनिक प्रोडक्ट्स अंडर वन रूफ और सबसे काम दामों पर लाना ही हमारा उद्देश्य है|
हर साल इस तरह के बाजार का आयोजन किया जाता रहेगा | यहाँ जयपुर के ब्लॉकप्रिंट के सुइट्स, पंजाब के फुलकारी दुपट्टे, गोत्ता पट्टी साड़ी, इमीटेशन एंड सेमि.प्रेसियस, सिल्वर ज्वेलरी, किड्स वियर, हेयर असेस्सोरीएस, लैदरबैग्स एंड वॉलेट्स , होम डेकोर, हैंडी क्राफ्ट्स, कस्टमाइज़्ड और चॉकलेट राखी, बेल्जियम चॉक्लेट्स और गिफ्ट के स्टाल्स हैं साथ ही पर्स एवं कई अन्य प्रोडक्ट्स एक्सहिबिट किये गए है आने वाले वेडिंग सीजन के लिए ब्राइडल लहंगे भी हैं यहाँ डेली वियर से लेकर डिज़ाइनर कलेक्शन तक सब मौजूद है केवल लेडीज ही नहीं मेंस की असेस्सोरीस का भी कलेक्शन यहाँ उपस्तिथ है l
मुक बधिर दम्पति ने भी लगाए है अपने स्टॉल्स – ऑर्गनिज़र चांदनी सहस्नानी ने बताया की यहाँ मुख्य आकर्षण का केंद्र जयपुर से आये भूमि मुछाल और गौरव मुछाल तथा पुणे से अमय जोशी तथा उमा जोशी के स्टॉल्स है | दोनों दंपति बोलने तथा सुनने में असक्षम है फिर भी वो भलीभांति लोगों की बातो को समझ रहे है और उनके प्रश्नों का जवाब दे रहे है |
जयपुर से आई भूमि मुछाल और गौरव मुछाल ने बताया की शुरू से ही उन्हें कुछ अलग सा करने का मान था हम दोनों पति पत्नी किसी पर आश्रित नहीं होना चाहते थे आर्ट एंड क्राफ्ट का शौक को ही कमाई का जरिया बना लिया लोगो की बात को समझने के लिए हमें कॉपी पेन का सहारा लेना पड़ता है हम लोदो से लिखवा कर उनके प्रश्न समझ लेते है साथ ही लिख कर उन्हें जवाब भी देते है , गौरव ने बताया की वो डेफ ओलम्पिक में ऑस्ट्रेलिया में छ बार बैडमिंटन गेम खेल चुके था उनकी पत्नी भूमि भी डेफ ओलम्पिक में ऑस्ट्रेलिया स्विमिंग में भाग ले चुकी है || भूमि में बताया की इससे फली भी भी इंदौर और जयपुर में ९ बार स्टॉल्स लगा चुकी है |
पुणे से आये अमय जोशी तथा उमा जोशी ने बताया की हम लोगो के लिप्स को पढ़ लेते है और इशारों से उनके प्रश्नों के जवाब देते है, इंदौर में दोस्तों ने हमे स्टॉल्स के बारे में बताया तो हम यहाँ आये है, घर चलने के लिए हम जगह जगह जा कर स्टाल्स लगते है |
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