श्री पीयूष गोयल ने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय, पुणे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क का दौरा किया
पुणे और मुंबई के बीच स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जारी रहनी चाहिए : पीयूष गोयल
भारत के समक्ष अरबों समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन ऐसी समस्याओं का समाधान करने के लिए उसके पास अरबों प्रतिभाशाली उद्यमी भी हैं : पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ,श्री पीयूष गोयल ने आज पुणे,महाराष्ट्र में कहा कि यह उत्साहजनक है कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ पंजीकृत 46 प्रतिशत स्टार्ट-अप्स में इकोसिस्टम के एक हिस्से के रूप में महिलाएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि महिलाएं महाराष्ट्र में स्टार्ट-अप संस्कृति का नेतृत्व करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे पास पूरे भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम है। भारत में 45000 स्टार्ट-अप पंजीकृत किए गए हैं और यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टिम है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग पंजीकरण के अनुसार, पुणे में 3200 स्टार्ट-अप हैं जबकि मुंबई में 3274 स्टार्ट-अप हैं, मंत्री महोदय ने सुझाव दिया कि पुणे और मुंबई के बीच यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जारी रहनी चाहिए।
समाज सुधारक और शिक्षाविद् सावित्री फुले के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई ने पुणे में पहला कन्या विद्यालय शुरू किया था, इसलिए यह उचित ही है कि महिला उद्यमी पुणे के इस विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क में अपने काम का प्रदर्शन करें। माता-पिता के साथ इनक्यूबेटर की तुलना करते हुए,श्री पीयूष गोयल ने कहा कि वे ऐसे मार्गदर्शक और सहायक की तरह हैं जिनकी स्टार्ट-अप को आवश्यकता होती है। उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी और बेहतरीन शैक्षणिक संस्थानों की उपस्थिति के कारण स्टार्ट-अप का समर्थन करने के लिए पुणे की अनूठी स्थिति का वर्णन करते हुए मंत्री ने कहा कि यह स्टार्ट-अप इको सिस्टम में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का समय है।
उन्होंने स्टार्ट-अप के पुष्प-पल्लवित होने के लिए शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान के सहयोग की आवश्यकता व्यक्त की । श्री गोयल ने आगे कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि भारत के 79 यूनिकॉर्न्स में से 4 पुणे से हैं। पुणे विश्वविद्यालय के विज्ञान-तकनीक पार्क में 153 स्टार्टअप हैं।
यह देखते हुए कि दिव्यांग लोगों के लिए आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क में प्रदर्शित किए गए कुछ नवाचार रोमांचक थे, उन्होंने किसानों, दिव्यांगों और गरीबों के लिए और अधिक नवाचार देखने की आशा व्यक्त की। इस बात पर बल देते हुए कि उद्योगों में सरकार के शामिल होने से उद्योगों की प्रगति में हमेशा ही बाधा पहुँचती है, मंत्री महोदय ने पिछली शताब्दी में साठ और सत्तर के दशकों का उदाहरण दिया जब सरकारी हस्तक्षेप के कारण औद्योगिक प्रगति बाधित हुई थी। उन्होंने आगे कहा कि आज कोई भी यूनिकॉर्न केवल सरकारी समर्थन के आधार पर इस स्थान तक नहीं पहुंच पाता।
मंत्री ने कहा कि अब आगे का रास्ता केवल उस तरीके से हो सकता है जहां उद्यमियों द्वारा स्टार्ट-अप की व्यूहरचना की जाएगी, जबकि सरकार केवल सुविधाप्रदाता के रूप में सहायता देकर प्रक्रिया को सुगम बनाएगी। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि कोवैक्सिन जैसी कुछ पहलें सरकार और उद्योग के बीच सहयोग का अच्छा उदाहरण हैं। अपनी बात को उन्होंने यह कहते हुए समाप्त किया कि भारत में अरबों समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन किसानों, दिव्यांगों और गरीबों के लिए अत्यंत मूल्य सह प्रभावी समाधानों के साथ इन समस्याओं का समाधान करने के लिए देश में शानदार अरबों उद्यमी भी हैं।
पृष्ठभूमि
विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमी पार्क, पुणे की स्थापना वर्ष 1986 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और पुणे विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। कई अन्य मंत्रालयों के अलावा इस पार्क को हाल ही में स्टार्टअप इंडिया के सीड फंड प्रोग्राम के अंतर्गत वित्त पोषित किया गया है।
स्टार्टअप इंडिया का सीड फंड प्रोग्राम उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अंतर्गत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है और यह कार्यक्रम पूरे भारत में स्टार्टअप का समर्थन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति श्री नितिन कर्मलकर, महरट्टा चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर के प्रशांत गिरबाने और महाराष्ट्र सरकार कौशल विकास, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा वर्मा भी उपस्थित थीं ।
Comments are closed.