श्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग जगत से जोखिम लेने की अधिक प्रवृति अपनाने की अपील की

“सरकार रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्लास्टिक, जूते, कपड़ा, चमड़ा सहित श्रम उन्मुख निजी क्षेत्रों में निवेश की संभावना तलाश कर रही है”: श्री पीयूष गोयल

“भारतीय उद्योगों को मिलने वाले भरोसे और लागत मूल्य का लाभ लेकर, भारत के पास यह समय वास्तव में एक वैश्विक राष्ट्र बनने का है!”

श्री गोयल ने मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के विशेष ई-सत्र को संबोधित किया

 

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने आज भारतीय उद्योग से जोखिम लेने की अधिक प्रवृति अपनाने की अपील की।मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) के विशेष ई-सत्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्लास्टिक, जूते, कपड़ा, चमड़ा सहित श्रम उन्मुख निजी क्षेत्रों में निवेश करने की संभावना तलाश कर रही है। उन्होंने कहा, “उद्योग संघ, जैसे आप, केंद्र और राज्यों की सरकार, मिशनों, ईपीसी सहित सभी हितधारकों के साथ साझेदारी कर सकते हैं और व्यवसायों को भारत में आकर्षित करने और घरेलू उद्योग को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं। आइए हम सभी मिलकर एक संकल्प के साथ एक साथ आएं, यानी बड़ी और साहसिक चुनौतियों का सामना करके भारत को एक वैश्विक लीडर बनाएं।”

श्री गोयल ने कहा, आज जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, यह हमारे लिए 2047 को लक्ष्य बनाकर तैयारी करने का समय है जब हम आजादी के सौ साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे।

उन्होंने कहा, “भारतीय उद्योगों को मिलने वाले भरोसे और लागत मूल्य का लाभ लेकर, भारत के पास यह समय वास्तव में एक वैश्विक राष्ट्र बनने का है!”

श्री गोयल ने कहा कि भारतीय उद्योग को स्पष्ट रूप से गुणवत्ता, उत्पादकता के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और वैश्विक स्तर पर परिचालक बनना चाहिए ताकि हम बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्थाओं को लाभान्वित कर सकें।

उन्होंने कहा, “हमें पीएलआई के मोर्चे पर विशेष रूप से मोबाइल फोन निर्माण में एक बहुत ही सफल अनुभव मिला है, और हम इसे सेमीकंडक्टर्स, कंटेनर एमएफजी, आदि जैसे अन्य क्षेत्रों में दोहराने की उम्मीद कर रहे हैं। अब 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएं हैं।”

श्री गोयल ने उद्योग संघों को अपनाने के लिए तीन अपेक्षाओं को सूचीबद्ध किया:

  1. विचार/सुझाव देकर सक्रिय रूप से भाग लें: एफटीए एनटीबी और बाजार पहुंच से संबंधित मुद्दों पर, 2023 में भारत के जी20 प्रेसीडेंसी के लिए थीम, आत्मानिर्भर भारत बनाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप हो।
  2. उन बिंदुओं पर प्रकाश डालें जहां हम अनुपालन बोझ को कम कर सकते हैं और व्यापार करने में आसानी को बढ़ा सकते हैं। उन प्रक्रियाओं की पहचान करें जिन्हें सरकार डिजिटाइज कर सकती है। उन क्षेत्रों का सुझाव दें जहां कानूनी ढांचे को सरल बनाया जा सकता है और कानूनों को अपराध से मुक्त किया जा सकता है। कानूनी ढांचे को सरल बनाया जा सकता है, जहां भी संभव हो स्व-नियमन किया जा सकता है। राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली का उपयोग करना शुरू करें और इस पर प्रतिक्रिया दें कि हम इसमें और अधिक सुविधाएं कैसे प्रदान कर सकते हैं।
  3. मूल्य श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने में आत्मनिर्भर बनें, उदाहरण के लिए एपीआई और एमएसएमई को फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज में एकीकृत करें।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए श्री गोयल ने कहा, “भारत विश्व के लिए आशा का एक गुलदस्ता है।” उन्होंने कहा कि भारत अभूतपूर्व आर्थिक विकास की राह पर है और दुनिया को अपनी वास्तविक क्षमता और योग्यता दिखाने के लिए तैयार है।

श्री गोयल ने कहा, “लॉकडाउन के बावजूद, भारत ने अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय सेवा प्रतिबद्धताओं को पूरा कर, दुनिया का विश्वसनीय भागीदार बन गया है। आज, हमारे पास अपने उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बहुत बड़ा अवसर है।” उन्होंने आगे कहा, “भारत की प्रौद्योगिकी, प्रतिभा और प्रकृति दुनियाभर के लिए उम्मीद ला रहा है। निर्यात, निवेश और स्टार्टअप के ट्रिपल इंजन द्वारा संचालित, भारत को वैश्विक पावरहाउस बनाया जाएगा। इसकी नींव रख दी गई है।”

श्री गोयल ने कहा, आत्मानिर्भर भारत के सपने को साकार करने की हमारी यात्रा में, सरकार ने व्यवसायों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं:

  • कोयला और खनन क्षेत्र को मजबूत बनाना: निजी क्षेत्र के लिए पारदर्शी नीलामी प्रतिक्रिया शुरू की गई।
  • रक्षा क्षेत्र को उदार बनाना: 74% एफडीआई (स्वचालित मार्ग) और 100% (सरकारी अनुमोदन मार्ग), 101 रक्षा वस्तुओं को विशेष रूप से स्वदेशी रूप से रक्षा उपकरण बनाने के लिए अधिसूचित, समर्पित रक्षा निवेशक प्रकोष्ठ बनाया गया है।
  • टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव किया गया: 100% एफडीआई की अनुमति, पेनल्टी हटाना, ब्याज दरों को युक्तिसंगत बनाया गया है।
  • कई अन्य सुधार किए गए: पीएलआई, अनुपालन बोझ को कम करना, एनआईपी, पीएम गति शक्ति एनएमपी, सिंगल विंडो, आदि।

श्री गोयल ने कहा कि भारत अब केवल एक समूह का हिस्सा बनने के लिए एफटीए पर हस्ताक्षर नहीं करता है, हम पारस्परिक पहुंच, अच्छी बाजार स्थितियों और वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में न्यायसंगत और निष्पक्ष भागीदारी देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम लोकतंत्र, पारदर्शिता और आपसी विकास के मूल्यों के साथ समान विचारधारा वाले देशों के साथ एफटीए करने की सोच रहे हैं जैसे यूएई, ऑस्ट्रेलिया, यूके, ईयू, इज़राइल, कनाडा, जीसीसी आदि के साथ।

हालांकि, एफटीए दोतरफा कारोबार है। इसको लाभदायक और द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए उद्योग के सहयोग की आवश्यकता है।”

श्री गोयल ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को उद्धृत को याद करते हुए कहा, “केवल खड़े होकर और पानी को देखकर आप समुद्र पार नहीं कर सकते।” श्री गोयल ने कहा कि दुनिया भारत की ओर देख रही है, जो देश को बदलने और 135 करोड़ लोगों के जीवन को बदलने की दिशा में लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है।

श्री गोयल ने एमसीसीआई को बीते कुछ वर्षों में पूर्वी भारत के सबसे गतिशील चैंबरों में से एक के रूप में उभरने और 120 से अधिक वर्षों से भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए की सराहना की।

उन्होंने कहा, “एक गगनचुंबी इमारत एक मजबूत नींव पर खड़ी होती है, किसी भी राष्ट्र का आर्थिक परिवर्तन एक मजबूत उद्योग के कंधों पर खड़ा होता है। समग्र सोच का एक हिस्सा पारंपरिक पद्धति से आगे बढ़ना है ताकि हमारे उद्योगों के विकास के लिए एक लचीला वातावरण तैयार किया जा सके।”

एक प्रश्न के उत्तर में, श्री गोयल ने प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (टीयूएफएस) के तहत लंबित दावों के आकलन की रिपोर्ट और सत्यापन के बाद धनराशि जारी करने का आश्वासन दिया। श्री गोयल ने प्रिंटिंग इंडस्ट्री की ऐसी कंपनियों के लिए निर्यात प्रोत्साहन क्रेडिट गारंटी (ईपीसीजी) दायित्वों के बाध्यता को लेकर वित्त मंत्रालय के सामाने शुल्क छूट का मुद्दा उठाने का भी आश्वासन दिया जिनका कोरोना महामारी के कारण निर्यात पर बहुत ही बुरा असर हुआ  है और वो डिफॉल्ट हुए हैं।

Comments are closed.