केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने पीएलआई स्कीम के सहभागियों के साथ 8 मार्च, 2022 को परस्पर बातचीत की। मेडिकल डिवाइस के लिए पीएलआई स्कीम के छह उद्योग सहभागियों, जिन्होंने इन पीएलआई स्कीमों के तहत स्वीकृत परियोजनाओं का सफलतापूर्वक उत्पादन आरंभ किया है, ने परस्पर बातचीत के दौरान विस्तार से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया।
पैनाका मेडिकल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, ट्रिविट्रोन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, फिलिप्स ग्लोबल बिजनेस सर्विसेज एलएलपी, माइक्रोटेक न्यू टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड तथा डेक माउंट इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया तथा फार्मास्यूटिकल विभाग द्वारा आरंभ स्कीम की सराहना की। इन छह परियोजनाओं के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद परियोजनाओं की ग्राउंडिंग तथा कमीशनिंग में अपने प्रयासों को प्रस्तुत किया तथा समस्याओं के समाधान में प्राथमिक सहायता करने तथा प्रयास के द्वारा दी गई मदद के लिए सरकार की प्रशंसा की। पीएलआई स्कीम के तहत मंजूर तथा कमीशंड मेडिकल उपकरणों में लीनियर एक्सीलेरेटर (लाइनेक), रोटेशनल कोबाल्ट मशीन, एक्स रे इक्विपमेंट, सी-आर्म, एमआरआई क्वायल्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तथा स्टेंट शामिल हैं।
फार्मास्यूटिकल विभाग ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा मेडिकल डिवाइस सेक्टर में बड़े निवेशों को आकर्षित करने के लिए मार्च 2020 में ‘‘मेडिकल डिवाइस घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम” लॉन्च की है। इस स्कीम के तहत, भारत में विनिर्मित तथा स्कीम के टार्गेट सेगमेंट के तहत कवर किए गए मेडिकल डिवाइस की वृद्धिकारक बिक्री के पांच प्रतिशत की दर पर चुनी हुई कंपनियों को पांच वर्षों की अवधि अर्थात 2027-28 तक वित्तीय सहायता दी जाती है। स्कीम का कुल वित्तीय परिव्यय 3,420 करोड़ रुपये का है। 2,541 करोड़ की प्रोत्साहन राशि का उपयोग करने की क्षमता के साथ 49 उत्पादों के लिए कुल 21 आवेदकों को मंजूरी दी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने उद्योग के प्रतिनिधियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के मेडिकल डिवाइस सेक्टर में घरेलू तथा वैश्विक बाजारों में विकास की असीम क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारत में मेडिकल डिवाइस का विनिर्माण घरेलू मूल्य श्रंखला को भविष्य में सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम होगा। उन्होंने उद्योग के सहभागियों से स्थानीयकरण प्रभाव को बढ़ाने तथा कंपोनेंट के घरेलू विनिर्माण को और तेज करने की दिशा में ठोस प्रयास करने का आग्रह किया। इसके बाद महत्वपूर्ण मेडिकल डिवाइस तथा कंपोनेंट के स्थानीयकरण के साथ मेडिकल डिवाइस सेक्टर में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए प्रधानमंत्री का विजन आकार लेना आरंभ कर देगा। उन्होंने मेडटेक उद्योग को इस सेक्टर में आयात-निर्यात व्यापार के बीच के अंतराल को कम करने की दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने स्कीम की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए सहभागियों को बधाई दी। श्री मांडविया ने आश्वासन दिया कि सरकार राज्य के कल्याण तथा उद्योग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री मांडविया ने उल्लेख किया कि मेडिकल डिवाइस सेक्टर एक नवोन्मेषण केंद्रित उद्योग है तथा उन्होंने सहभागियों को टिकाऊ वैश्विक प्रतिस्पर्धा तथा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री मांडविया ने व्यवसाय करने की सुगमता के लिए एक सक्षमकारी वातावरण का सृजन करने के लिए मेडटेक उद्योग से भी सुझाव आमंत्रित किया।
बैठक में विभाग के अन्य अधिकारियों/पदाधिकारियों फार्मास्यूटिकल विभाग के साथ साथ फार्मास्यूटिकल विभाग के सचिव ने भाग लिया। फार्मास्यूटिकल विभाग के सचिव ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह पीएलआई स्कीम घरेलू मेडिकल डिवाइस उद्योग को सरकार की सहायता की एक उल्लेखनीय पहल है। उन्होंने समयबद्ध तरीके से स्वीकृत परियोजनाओं को आरंभ करने के लिए विभाग के परियोजना विकास प्रकोष्ठ के माध्यम से पीएलआई स्कीम लाभार्थियों को सभी प्रकार की सहायता देने का आश्वासन दिया। सचिव ने डिवाइस उद्योग को सनराइज सेक्टर के लिए 2025 तक 50 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने के लिए सुगमकर्ता संबंधी सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।
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