भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनाव प्रचार के दौरान ही बता दिया था कि इस बार उनके सत्ता में लौटने के आसार कम हैं। संघ के एक उच्च पदस्थ सूत्र के अनुसार चुनाव प्रचार के महत्वपूर्ण दौर में एक बार आधी रात को चौहान संघ कार्यालय पहुंचे, जहां संघ परिवार के शीर्ष नेता उनका इंतजार कर रहे थे। चौहान ने लगभग दो घंटे तक संघ के नेताओं से बातचीत की थी। इसी दौरान चौहान को बताया गया था कि उनकी लोकप्रियता अब भी कायम है, लेकिन इस बार उनके बहुमत हासिल करने की संभावना कम है।
संघ नेता ने कहा हमने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे मौजूदा विधायकों की वजह से हार सकते हैं। कृषि से लेकर शिक्षा तक अपनी नीतियों और हमारे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने या उनकी मेजबानी करने के साथ चौहान हमारी विचारधारा के काफी करीब हैं। पिछले कुछ वर्षों में चौहान और संघ परिवार के नेताओं के बीच ऐसी कई बैठकें हुई हैं। इनमें वह बैठक भी शामिल थी, जिसमें वह संघ प्रमुख मोहन भागवत से 2014 में मिले थे और उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि उनका और उनके परिवार का उन घोटालों से कोई संबंध नहीं है, जिनका विपक्ष आरोप लगा रहा है।
उन्होंने मंदसौर में किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए भी आरएसएस के नेताओं से मदद मांगी थी। माना जाता है कि मध्य प्रदेश में विभिन्न सरकारी पदों पर संघ के बहुत से सदस्य नियुक्त हैं। चौहान ने राज्य में पढ़ाई के लिए गुरुकुल व्यवस्था को दोबारा शुरू करने या हॉकी के राष्ट्रीय खेल को बढ़ावा देने जैसे संघ के प्रस्तावों को हमेशा स्वीकार किया है। भाजपा को राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने आसानी से हरा दिया, लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा ने उसे कड़ी टक्कर दी। हालांकि, राज्य में कांग्रेस की सीटें भाजपा से अधिक रही हैं।
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