नई दिल्ली, फरवरी 2019ः फिल्म वाह जिन्दगी का फर्स्ट लुक टीजर आज यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में जारी किया गया। अलग और गैर परंपरागत प्रेम कहानी, ‘वाह जिन्दगी’ एक गरीब किसान के बेटे की यात्रा है जो उद्यमी बनने के लिए मुश्किल संघर्ष कर रहा है ताकि अपने बचपन की प्रेमिका का दिल जीत सके। यह फिल्म मेक इन इंडिया की अवधारणा पर आधारित है और भारत में निर्मित उत्पादों का संघर्ष एक प्रेम कहानी के जरिए चीनी प्रतिस्पर्धियों से दिखाता है।
‘वाह जिन्दगी’ एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है जिसमें संजय मिश्रा, विजय राज, प्लाबिता बोरठाकुर, नवीन कस्तूरिया और मनोज जोशी की भूमिका है। यह फिल्म एफटीआईआई के पूर्व छात्र दिनेश एस यादव की लिखी और निर्देशित है एवम् शिवाज्जा फिल्म्स के बैनर तले अशोक चौधरी द्वारा निर्मित है।
मौके पर अशोक चौधरी ने साझा किया, “इस मूवी के पीछे का संदेश है “बनाओ स्थानीय स्तर पर निर्यात करो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर“ (मेक लोकली – एक्सपोर्ट ग्लोबली) और भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दो! इस फिल्म के जरिए आईडिया भारतीय युवाओं को भारतीय उद्योगों की ओर प्रेरित करना है और उनमें मातृभूमि के लिए प्रेम का विकास करना है। यह फिल्म भारतीय सिनेमा उद्योग को एक नई पहचान देगी और भारत के कारोबारी तथा आर्थिक विकास में मददगार होगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि, “फिल्म के टाइटिल ’वाह जिन्दगी’ को गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी का आशीर्वाद मिला हुआ है। ‘वाह जिन्दगी’ का मतलब है जीवन आनंदमय है और फिल्म में अभिनेता संजय मिश्रा भी एक प्रेरक संदेश देते हैं। वे कहते हैं, ‘ना हारनो जरूरी ना जितनो जरूरी, जिन्दगी खेल है खेलनो जरूरी है’, इसलिए जीवन में बस खुशी मनाई जानी है।”
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ऑस्कर अवार्ड और दो बार ग्रैमी पुरस्कार जीत चुके संगीतकार एआर रहमान ने फिल्म का संगीत दिया है। रहमान हाल ही में फिल्म के कलाकारों से मिले थे और उन्हें फिल्म के संगीत की सफल पेशकश पर बधाई दी थी।
फिल्म की अभिनेत्री प्लाबिता ने बताया कि बहुत ही प्यारी फिल्म है वाह ज़िंदगी, जिसमें जीवन से जुड़े विभिन्न पहलू शामिल हैं, ज़िंदगी चलते रहने का नाम है, इसमें रोमांस है गीत संगीत है और सब मसाला है और हमें उम्मीद है दर्शकों को यह फिल्म पसन्द आयेगी। वहीं नवीन कस्तूरिया काफी उत्साहित नज़र आये, उन्होंने बताया कि संघर्षपूर्ण युवा की कहानी है जो एक उद्यमी बनना चाहता है और किस तरह के पड़ाव से उसे गुजरना पड़ता है और कैसे वह अपनी प्रेमिका का दिल जीतता है। संजर मिश्रा व विजय राज जैसे कलाकारों के साथ काम करना सुखद अनुभव रहा और काफी कुछ सीखने को भी मिला।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन के डायरेक्टर जनरल श्री केजी सुरेश फिल्म का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, “फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे चीनी सामान डंप किए जाने से मध्यम और छोटे उपक्रम (एमएसएमई) बर्बाद होते हैं और भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर हो जाती है। यह मूवी संदेश देती है कि सिर्फ स्वदेशी – ‘मेक इन इंडिया’ भारत को आर्थिक सुपर पावर बना सकता है। इससे ना सिर्फ हमारा बढ़ता व्यापार असंतुलन ठीक होगा बल्कि लाखों रोजगार के मौके तैयार होंगे।”
एसजेएम के सह संयोजक श्री अश्विनी महाजन ने कहा, “चीनी भारतीय बाजार में घटिया प्लास्टिक और खिलौने के अपने सामान भर देते हैं जिनके बारे में जाना जाता है कि वे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं। इससे खतरनाक बीमारियां होती हैं। चीन को इससे रोकने का एक ही तरीका है कि स्वदेशी – ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जाए। इससे भारत चीन से आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकता है।”
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