वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए 30 शिल्प गुरु पुरस्कार और 78 राष्ट्रीय पुरस्कार आज यहां नई दिल्ली में उत्कृष्ट शिल्पकारों को प्रदान किए गए जिनमें से 36 महिलाएं हैं। इन पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य शिल्प कौशल में उनकी उत्कृष्टता और भारतीय हस्तशिल्प एवं वस्त्र क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए मान्यता देना है।
शिल्प गुरु पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्प कौशल, उत्पाद उत्कृष्टता और पारंपरिक विरासत के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में अन्य प्रशिक्षु कारीगरों को शिल्प की निरंतरता में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए सिद्धहस्त हो चुके उत्कृष्ट शिल्पकारों को प्रदान किए जाते हैं। इन पुरस्कारों को 2002 में भारत में हस्तशिल्प के पुनरुत्थान की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए शुरू किया गया था। पुरस्कार में एक सोने का सिक्का, 2.00 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है। वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए 30 शिल्प गुरुओं का चयन किया गया है, जिनमें से 24 पुरुष और 06 महिलाएं हैं।
शिल्प की विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट शिल्प कौशल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 1965 से प्रदान किए जा रहे हैं। जिन मुख्य शिल्पों के लिए पुरस्कार दिए गए हैं उनमें धातुओं पर नक्काशी, चिकन पर हाथ से कढ़ाई (हैंड एम्ब्रायडरी), खुर्जा की ब्लू पॉटरी, माता नी पछेड़ी कलमकारी, बांधनी, बंधेज की रंगाई (टाई एंड डाई), बाघ छपाई का हैंड ब्लॉक (हैंड ब्लॉक बाग प्रिंट), वारली आर्ट, संगमरमर प्रस्तर-धूलि (स्टोन डस्ट) से चित्रकारी, सोजनी हस्त कढ़ाई, पक्की मिटटी से बनी मूर्तियाँ (टेराकोटा), तंजौर पेंटिंग, शोलापीठ, कांथा हाथ की कढ़ाई, ताड़ के पत्ते की नक्काशी, लकड़ी पर पीतल के तार की जड़ाई, लकड़ी की तारकाशी, मधुबनी चित्रकला, स्वर्णपत्र की चित्रकला एवं पुआल शिल्प आदि शामिल हैं। इस पुरस्कार में 1.00 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है। वर्ष 2017, 2018 और 2019 के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 78 शिल्पकारों का चयन किया गया है, जिसमें 02 डिजाइन इनोवेशन पुरस्कार शामिल हैं जिसमें एक डिजाइनर और हस्तशिल्पी किसी एक अद्वितीय उत्पाद बनाने के लिए सहयोग करते हैं।
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