शीला दीक्षित ने AAP को दी मतदाताओं का सामना करने की चुनौती, कहा – कांग्रेस को होगा फायदा

नई दिल्‍ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने के बाद उसे मतदाताओं का सामना करने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव होने पर कांग्रेस को फायदा होगा क्योंकि केजरीवाल सरकार में विश्वसनीयता का अभाव है. दिल्ली में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहीं शीला ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) उपचुनाव टालने की कोशिश कर रही है क्योंकि उसने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘बेशक, वे (आप) चुनाव से बचने की कोशिश कर रहे हैं. यदि वे 20 सीटें जीतने के लिए आश्वस्त हैं तो उन्होंने यह सब ( अयोग्यता को चुनौती देना) नहीं किया होता. आखिरकार, राष्ट्रपति ने इस पर (अयोग्यता पर) हस्ताक्षर किया है.’’

‘लाभ का पद’ रखने के चलते ‘आप’ के 20 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने को लेकर पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए शीला ने कहा कि क्या पार्टी को लगता है कि वह कानून तोड़ सकती है और इससे बच निकल सकती है, तो यह भ्रम में है. कांग्रेस की 79 वर्षीय नेता ने कहा कि राष्ट्रपति ने विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने को मंजूरी दी. इसलिए यह ‘आप’ पर निर्भर करता है कि वह उपचुनाव का सामना करे. जब आप इस तरह की कुछ चीज करते हैं, आपको इसके परिणामों के बारे में भी विचार करना चाहिए.

गौरतलब है कि शीला दीक्षित दिल्ली में 1998 से 2013 के बीच मुख्यमंत्री रही थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आप को निशाना नहीं बनाया जा रहा, बल्कि उसने जो किया है उसके लिए उसे दंडित किया जा रहा. उन्होंने कहा कि उपचुनाव आप सरकार के कामकाज पर एक जनमत संग्रह होगा और वह इन सीटों को जीतने में सक्षम नहीं होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या उपचुनाव से कांग्रेस को दिल्ली में फिर से अपनी पकड़ मजबूत बनाने में मदद मिलेगी? इस पर तीन बार मुख्यमंत्री रही शीला ने कहा, ‘‘हां, मैं मुझे निश्चित तौर पर ऐसा लगता है और मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जब यह होगा तब हम निश्चित तौर पर अपनी स्थिति बेहतर बनाएंगे.’’

उल्लेखनीय है कि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था. शीला ने कहा कि 2015 की तुलना में कांग्रेस अभी बेहतर स्थिति में है क्योंकि लोगों ने केजरीवाल सरकार को भी देख लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ नहीं हो रहा. यहां तक कि सड़कों की भी मरम्मत नहीं हो रही. कोई नहीं जानता कि स्कूलों में क्या हो रहा. पहले से मौजूद उन इमारतों को ऐसे दिखाया जा रहा, जैसे कि उन्होंने ही इन्हें बनाया हो. सरकार में विश्वसनीयता का अभाव है.’’

उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस एक समन्वित रणनीति के साथ उपचुनाव में उतरती है तो कुछ सीटें जीतने का यह एक अच्छा मौका होगा. उन्होंने कहा कि यदि उपचुनाव होता है तो वह उनमें लड़ने को इच्छुक नहीं हैं लेकिन यदि पार्टी ने चाहा तो वह प्रचार करेंगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने आप और भाजपा से पूछा, ‘‘दिल्ली आज क्या है…हमारे चलते दिल्ली मेट्रो है, दिल्ली में सीएनजी हमारे चलते है, हमारे चलते दिल्ली हरी – भरी है. ये सभी फ्लाईओवर और अन्य चीजें दिल्ली में कांग्रेस सरकार के समय बनी थी. आप लोगों ने उन्हें क्या दिया है.’’

उपचुनावों के लिए कांग्रेस की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अभी यह कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन मुझे लगता है कि नए चेहरों और महिलाओं को मौका देना, एक अच्छा विचार होगा.’’ उन्होंने आप सरकार का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एलजी के साथ तकरार है, केंद्र के साथ तकरार है. आप सिर्फ तकरार कर रहे हैं, आप कोई काम नहीं कर रहे.’’

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