शंकर की कहानी: सोलर अपनायें, बिजली बचायें

न्यूज़ डेस्क : भारत में सौर ऊर्जा उद्योग तेजी से विकास कर रहा है। हाल ही में आई रिपोर्ट बताती हैं कि देश की सोलर इंस्‍टालेशन की क्षमता 31 मार्च 2019 तक 28.18 गीगावॉट तक पहुंच गई। शुरुआत में भारत सरकार का 2022 के लिए 20 गीगावॉट क्षमता का लक्ष्य था, जो कि निर्धारित समय से चार साल पहले हासिल कर लिया गया। 2015 में लक्ष्य को 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा की क्षमता तक बढ़ा दिया गया, जिसमें 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ 2022 तक रूफटॉप सौर से 40 गीगावॉट हासिल करने का भी लक्ष्‍य रखा गया है। तो भविष्य सोलर का ही है, जिसका आम आदमी स्वागत कर रहा है और जो सौर शक्ति को अपनाने के लिए तैयार भी है। सरकार द्वारा दी गई नेट मीटरिंग और सब्सिडी से सौर ऊर्जा सभी के लिए बहुत ही प्रभावी और किफायती बन गई है।

 

कुछ समय पहले की ही बात है, जब लखनऊ निवासी शंकर श्रीवास्तव शहरी जीवनशैली के बढ़ते खर्चों के कारण बिजली के भारी बिलों का भुगतान कर रहे थे। शंकर और उनके परिवार ने हर महीने बिजली के बिल पर हजारों खर्च किए। किसी भी आम शहरी परिवार की तरह, शंकर के घर में भी फ्रिज, टीवी, गीजर और बिजली से चलने वाले अन्‍य उपकरण हैं। शंकर को सौर उर्जा के बारे में मालूम था, लेकिन जैसा कि किसी ने भी सुझाव दिया था, अब वह सौर उर्जा के बारे गहराई से जानना चाहते थे।

 

उत्तर प्रदेश राज्‍य की राजधानी होने के कारण लखनऊ को अप्रैल के महीने में भी हर दिन लगभग 11.5 घंटे की बिजली मिलती है, यानी इस क्षेत्र में सौर ऊर्जा में निवेश करने से अच्‍छे नतीजे आएंगे और बिजली के बिल बहुत ही कम हो  जाएंगे। शंकर का घर एक ऐसे क्षेत्र में है, जहां बिजली की आपूर्ति पर्याप्त है। लेकिन शंकर को प्रति यूनिट बिजली की उच्च दर का सामना करना पड़ रहा था, इसलिए एक दिन उन्‍होंने अपने बिजली के बिल को कम करने का फैसला किया और अपनी समस्या के सर्वोत्तम संभव समाधान की तलाश शुरू कर दी। ऑनलाइन सर्च करने और कुछ प्रारंभिक जानकारी लेने के बाद, उन्हें ज़ूनरूफ का पता चला जो भारत की सबसे बड़ी सोलर रूफ इंस्‍टालेशन कंपनी है।

 

ज़ूनरूफ द्वारा इंस्‍टालेशन की प्रक्रियापूरी करने केबाद, शंकर को अपने घर में 4केवी ग्रिड टाइड-सोलर सिस्टम स्थापित करने का सुझाव दिया गया। ग्रिड टाई इन्वर्टर न केवल सोलर पर घरेलू बिजली के लोड को चलाकर मासिक बिजली बिल को कम करेगा, बल्कि सोलर पैनलों द्वारा उत्पादित अतिरिक्त सौर ऊर्जा को ग्रिड में बेचकर पैसा कमाने में भी मदद करेगा। शंकर कहते हैं, ‘हम ज़ूनरूफ सोलर इंस्‍टालर से बहुत खुश हैं। हमारा बिजली बिल पूरी तरह से कम हो गया है। इसके लिए ज़ूनरूफ को धन्यवाद!’

ग्रिड-टाई सोलर इन्वर्टर, जिसे ऑन-ग्रिड सोलर इन्वर्टर के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य ग्रिड से जुड़कर काम करता है। यह सीधे सौर उर्जा के माध्यम से लोड चलाने और ग्रिड को फीड करके बिजली कंपनी को अतिरिक्त सौर ऊर्जा उपलब्‍ध करा कर लाभ प्रदान करता है। ग्रिड-टाई इन्वर्टर को केवल उन क्षेत्रों में स्थापित किया जा सकता है, जहां पर बिजली की मेंस सप्‍लाई पर्याप्त रूप से उपलब्ध है, और जो शंकर के घर के मामले में एकदम उपयुक्‍त था।

शंकर में ज़ूनरूफसोलर इंस्‍टालर से प्रतिदिन लगभग 15 यूनिट बिजली उत्पन्न होने की उम्मीद है, जो मौसम की स्थिति और स्‍थापित क्षेत्र पर निर्भर करता है। शंकर के लिए ज़ूनरूफ सोलर की स्थापना निश्‍चित ही एक बड़ी सफलता साबित हुई।

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