नई दिल्ली । पिछले एक साल से तिहाड़ जेल में बंद 45 संगीन आपराधिक मामलों में आरोपी राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर हाई सिक्योरिटी सेल से तत्काल बाहर निकालने की गुहार लगाई है।
जवाब दाखिल करने का आदेश
शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार की सिवान जेल से स्थानांतरित कर तिहाड़ जेल में लाया गया है। पूर्व सांसद की याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और सीबीआइ को 27 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
प्राकृतिक रोशनी व हवा भी नहीं आती
शहाबुद्दीन की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले वकील रुद्रो चटर्जी ने कहा कि याची को तिहाड़ जेल की ऐसी हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है, जहां प्राकृतिक रोशनी व हवा भी नहीं आती। उन्होंने आरोप लगाया कि याची को बगैर किसी कोर्ट के आदेश के ऐसी सेल में रखा गया है।
कैंटीन की सुविधा भी नहीं दी जा रही है
रुद्रो चटर्जी ने कहा कि इतना ही नहीं, उनके मुवक्किल को कैंटीन की सुविधा भी नहीं दी जा रही, जबकि जेल में लाने के दौरान डॉक्टरों के सुझाव पर उन्हें दूध और अंडा देने की अनुमति दी गई थी। इस वजह से उनके मुवक्किल की तबीयत खराब हो रही है और तिहाड़ में स्थानांतरित किए जाने के बाद से एक साल में 15 किलो वजन कम हो गया है।
शहाबुद्दीन के वकील की दलील
शहाबुद्दीन के वकील ने दलील दी कि कानून के तहत एकांत कारागार में किसी अपराधी को 14 दिन से लेकर ज्यादा से ज्यादा तीन महीने तक रखा जा सकता है, लेकिन उनका मुवक्किल एक साल से अधिक समय से हाई सिक्योरिटी सेल में है।
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