5 राज्यों में 60,000 से अधिक घरों के निर्माण के लिए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई
‘सभी के लिए आवास की दिशा में परिवर्तनकारी सुधार’ और ‘आवास पर संवाद’ की प्रक्रियाओं पर पुस्तिका का विमोचन किया गया
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की 58वीं बैठक में आज आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में 60,000 से अधिक घरों के निर्माण के लिए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। वीडियो कॉन्फ्रेंस मोड में आयोजित बैठक की अध्यक्षता आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री मनोज जोशी ने की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव ने पीएमएवाई (यू) के विभिन्न कार्यक्षेत्रों के तहत विभिन्न राज्यों में घरों के स्थान निर्धारण और निर्माण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने राज्यों में घरों के पूरा होने की गति की समीक्षा की तथा अधिकारियों को प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने लाभार्थी आवंटन और अपने-अपने क्षेत्रों में साझेदारी में सस्ता आवास (एएचपी) परियोजनाओं को पूरा करने का मूल्यांकन भी किया। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि कार्य प्रक्रियाबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए ताकि योजना का अधिक से अधिक लाभ लाभार्थियों तक बिना किसी देरी के पहुंचे।
पीएमएवाई (यू) के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या अब 114.04 लाख है, जिनमें से लगभग 93.25 लाख का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और लगभग 54.78 लाख को पूरा कर लाभार्थियों को वितरित किया जा चुका है। मिशन के तहत कुल निवेश 7.52 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें 1.87 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता है। अब तक, 1.21 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता जारी की जा चुकी है।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव द्वारा ‘सभी के लिए आवास की ओर परिवर्तनकारी सुधार‘ पर एक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। विभिन्न अध्यायों और दृष्टांतों के माध्यम से, पुस्तिका पाठकों को इन सभी वर्षों में पीएमएवाई (यू) की परिवर्तनकारी यात्रा, चुनौतियों का सामना, अवसरों का सृजन, कार्यान्वयन तंत्र, भारत में सस्ता आवास क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सुधार और लाभार्थियों के जीवन पर योजना के प्रभाव से अवगत कराएगी। अंततः, ‘सभी के लिए आवास की ओर परिवर्तनकारी सुधार’ आगे का मार्ग प्रशस्त करता है, जो ‘सभी के लिए आवास’ सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर ‘आवास पर संवाद‘ की प्रक्रिया का भी विमोचन किया गया। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) के तहत एक गतिविधि के रूप में आवास पर संवाद का आयोजन किया गया, जो शहरी आवास क्षेत्र में अपनी तरह की पहली पहल है। एकेएएम थीम के आधार पर, कई हितधारकों के बीच ‘सभी के लिए आवास’ पर जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ चर्चा, विचार-विमर्श और प्रसार को बढ़ावा देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 75 कार्यशालाओं / सेमिनारों / वेबिनारों का आयोजन किया गया। आवास पर संवाद में कई संस्थानों और संगठनों से उत्साहजनक भागीदारी दिखाई दी।
छात्रों, व्यवसायियों और शहरी पेशेवरों के लिए इन 75 कार्यशालाओं से सीखे गए सबकों को संकलित करके एक पुस्तिका तैयार की गई है, ताकि वे भविष्य के इस्तेमाल और आवास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए सरकारी नीतियों/ कार्यक्रमों के बारे में जान सकें और पेशेवरों के रूप में इसमें एक नया परिप्रेक्ष्य भी जोड़ सकें।
‘सभी के लिए आवास की ओर परिवर्तनकारी सुधार‘ और ‘आवास पर संवाद‘ की प्रक्रिया पर पुस्तिकाएं https://pmay-urban.gov.in/ से डाउनलोड की जा सकती हैं।
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