नई दिल्ली । शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने अपनी सालाना बोर्ड बैठक में तय किया है कि अब कंपनियों को चेयरमैन और एमडी के पद अलग अलग करने होंगे। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की 500 लिस्टेड कंपनियों को साल 2020 तक इस नए नियम का पालन करना होगा। गौरतलब है कि इस अहम बैठक में सेबी ने कंपनी के कामकाज में पारदर्शिता और बेहतर जवाबदेही तय करने के लिए डॉयरेक्टरों की संख्या घटाने को भी मंजूरी दी है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश की 500 कंपनियों में से 145 करीब ऐसी हैं जिनमें चेयरमैन और एमडी का पद एक ही है। वहीं इसके अलावा कैपिटल गुड्स के तमाम सेक्टर्स में से 11 कंपनियां ऐसी हैं जिनमें चेयरमैन और एमडी का पद एक ही व्यक्ति के पास है। इसी तरह की 10 कंपनियां फॉर्मास्यटिकल और 9 कंपनियां फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी हुई हैं।
SEBI के ताजा फैसले का पड़ेगा रिलायंस इंडस्ट्रीज समेत 10 कंपनियों पर असर
सेबी के इस फैसले से बीएसई सेंसेक्स की 30 में से 10 कंपनियां प्रभावित होंगी। इसके चलते देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, भारती एयरटेल के सुनील मित्तल और विप्रो के अजीम प्रेमजी समेत 10 लोगों को अपना एमडी पद छोड़ना पड़ेगा। सेबी के फैसले से सेंसेक्स की जिन 10 कंपनियों पर असर पड़ेगा उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, विप्रो, यस बैंक, इंडसइंड बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, ओएमजीसी, एनटीपीसी, पावरग्रिड और कोल इंडिया शामिल है। यह फैसला उन शीर्ष 500 कंपनियों पर लागू होगा जिनकी मार्केट वैल्यू सबसे ज्यादा होगी।
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