नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी अपनी बाजार निगरानी प्रणाली के साथ-साथ व्यापार आंकड़ों के विश्लेषण में इस्तेमाल होने वाले साधनों को मजबूत करने की योजना बना रहा है। डेटा विश्लेषण प्रणाली शेयर की कीमतों में हेरफेर, भेदिया कारोबार और शेयर के मूल्य को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने जैसे संभावित उल्लंघनों की पहचान करने में इस्तेमाल होती है। इस संबंध में, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने एकीकृत बाजार निगरानी प्रणाली (आईएमएसएस), डेटा भंडारण एवं कारोबार इंटेलिजेंस प्रणाली (डीडब्ल्यूआईबीएस) के रखरखाव के लिये आईटी सेवाएं देने की इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगें हैं।
सेबी बाजार निगरानी प्रणाली के माध्यम से बाजार की गतिविधियों पर नजर रखता है। यह पद्धति 2013 से इस्तेमाल की जा रही है। इसमें एक्सचेंजों और डिपॉजिटरी में अपने नेटवर्क प्रणाली सहित कई अन्य स्त्रोतों से संदिग्ध बाजार गतिविधियों से जुड़े आंकड़ें एकत्र किये जाते हैं। डेटा भंडारण एवं कारोबार इंटेलिजेंस प्रणाली 2011 में शुरु हुई थी।
इसका इस्तेमाल कारोबार से जुड़े आंकड़ों के तेजी से विश्लेषण के लिये किया जाता है ताकि भेदिया कारोबार, शेयर के कीमतों में हेरफेर जैसे प्रतिभूति कानून के उल्लंघन में शामिल लोगों की पहचान की जा सके। नियामक ने कहा कि इसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उपकरणों के रखरखाव के साथ आईएमएसएस और डीडब्ल्यूबीआईएस प्रणाली के प्रबंधन के लिये इंजीनियर सेवा प्रदान करना है। सेबी ने 22 जनवरी तक इस परियोजना के लिये आवेदन करने को कहा है।
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