स्कूलों में जूडो-कराते कोच देंगे बालिकाओं को ट्रेनिंग

भोपाल : साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद सभी स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना अनिवार्य किया गया था, लेकिन यहां के स्कूलों में कोच न होने के कारण प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है।

सात साल बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सुध ली और संविदा पर नियुक्ति के लिए 5 अक्टूबर तक आवेदन मंगाए गए हैं। इसमें जिले के विद्यालयों व कन्या छात्रावासों की बालिकाओं की आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षक की नियुक्ति की जानी है। इसमें महिला प्रशिक्षक उपलब्ध न होने पर पुरुष प्रशिक्षक को लिया जाएगा।

आवेदक सेल्फ डिफेंस सर्टिफिकेशन कोर्स, ब्लैक बेल्ट आदि योग्यता धारी होना चाहिए। प्रशिक्षक को प्रतिमाह 3 हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षक को प्रतिदिन 100 बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना होगा।

शासकीय उमावि कन्या सरोजनी नायडू, शासकीय उमावि कन्या गोविंदपुरा, शासकीय उमावि कन्या बैरागढ़, शासकीय उमावि कन्या बैरसिया, कन्या छात्रावास बैरसिया मंडी प्रांगण, कन्या छात्रावास फंदा, तुलसी नगर के लिए आवेदक को आवेदन करना है।

इस संदर्भ में डीईओ धर्मेंन्द्र शर्मा का कहना है कि इन स्कूलों में बालिकाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग के लिए कोच उपलब्ध न होने के कारण अभी मानदेय तय कर नियुक्ति की जा रही है। इसके लिए 5 अक्टूबर तक आवेदन करना है।

मालूम हो कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में बालिकाओं को पढ़ाई के साथ-साथ आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। इसके लिए हर स्कूल में जूडो-कराते कोच की जरूरत है, लेकिन राजधानी के स्कूलों में कोच न होने के कारण छात्राएं आत्मरक्षा की ट्रेनिंग नहीं ले पा रही है।

राजधानी में सिर्फ तीन कोच के बदौलत प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे सभी स्कूलों में करना संभव नही है। इसीलिए शासन ने संविदा नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

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