न्यूज़ डेस्क : स्कूलों में 8वीं तक फेल ना करने की नीति में बदलाव को भले ही कई राज्यों ने अब तक अपनी सहमति नहीं दी है, बावजूद इसके केंद्रीय विद्यालय जैसे संगठनों में इस बदलाव को भारी राहत के रूप में देखा जा रहा है l उन्हें इस बदलाव से आठवीं तक चौपट हो चुकी पढ़ाई में सुधार आने की उम्मीद है l हालांकि उन्हें इसका असर 9वी में दिखाई देता था , जहां लगभग 50 फ़ीसदी बच्चे फेल हो जाते थे l
स्कूलों में इस नीति का एक और खामियाजा देखने को मिला था वह लोगों की कक्षा में नौवीं कक्षा में बच्चों को भारी भीड़ होती थी , वजह आठवीं तक फेल नहीं की जाने से सभी बच्चे अभी तक आसानी से पास होते चले आ रहे थेl वहीं दूसरी ओर 9वी में पचास से अधिक बच्चे फेल हो जाते थे l
स्कूल में उनके लिए क्लासरूम केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक से संबंधित नीति में बदलाव के बाद पढ़ने में कमजोर छात्र पांचवी कक्षा में फेल होंगे l पढ़ाई की ओर ध्यान देंगे साथ ही क्लास भी नियमित आयेंगे l फिलहाल केंद्रीय विद्यालय में नौवीं के पहले के मुकाबले बच्चों की भीड़ कम है l आठवीं में ही कमजोर बच्चों को ड्रॉप कर दिया गया है l
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