सतीश शर्मा को विजय दिलवाने जुटे युवा,मुख्यमंत्री के स्वप्नो के शहर में स्वाइन फ्लू टेस्टिंग लैब तक नही
विधानसभा 4 के सपाक्स प्रत्याशी सतीश शर्मा जहाँ एक ओर मतदाताओं से सीधे रूबरू होकर सपाक्स को वोट देने की अपील कर रहे है, वही दूसरी ओर पढ़े लिखे युवाओ की टीम सोशल मीडिया जैसे सशक्त माध्यम से चुनाव प्रचार कर रहे है l
सोशल मीडिया टीम के प्रमुख अंकुर शर्मा ने बताया कि वर्तमान दौर में सोशल मीडिया का सदुपयोग करते हुए हमारी टीम रोज 16 घंटे ट्विटर ,इंस्टाग्राम,फ़ेसबुक,वाट्स अप पर सक्रिय रहती है ,हमारी पोस्ट 1 लाख यूजर तक पहुचती है
प्रिया शर्मा ने बताया कि आजकल युवा सोशल मीडिया जैसे संचार माध्यम का ज्यादा उपयोग करते है ,हमारे पेज को 15000 लाइक तक मिलते है और विधानसभा 4 के मतदाता हम से जुड़ने ओर प्रत्याशी के बारे जानकारी लेने के लिए चैटिंग करते है तथा अपने क्षेत्र की समस्याओं को बताते है l
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उत्कर्ष त्रिपाठी ने बताया कि प्रत्याशी आज किस क्षेत्र में जनसंपर्क करेंगे,आगामी कार्ययोजनाओं की जानकारी हम सोशल मीडिया के माध्यम से ही पहुचाते है l राज्य के मीडिया सेंटर से संपर्क कर नई जानकारियां एवं संकल्प पत्र की जानकारी भी आम मतदाताओं तक पहुचाते है lटीम के अन्य साथी आशुतोष शर्मा,मोहित शर्मा,भावना शर्मा सतत जनसंपर्क के साथ साथ टीम को लगातार फीड बैक देते रहते है lसतीश शर्मा ने आज श्री राम नगर,लोकमान्य नगर,रेवन्यू नगर इंदिरा नगर में अपने साथियो एवं महिला विंग के साथ सतत जनसंपर्क किया l
सतीश शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में व्याप्त अवैध नशाखोरी के विरुद्ध भी एक व्यापक आंदोलन चलाएंगे.आम मतदाता ,स्थापित पार्टियो की जाति और धर्म की राजनीति से ऊब गया है वो अब मूलभूत सुविधाओं की मांग करता है ,अगर सरकार इतने युवाओ को उच्च शिक्षा दिलवाने का दावा करती है तो यह उसका फर्ज होता है कि उच्च शिक्षित युवाओ को उनके सामर्थ के अनुसार जॉब भी मिले l
वर्तमान विधायक की जनहितैषी मुद्दों के प्रति उदासीनता साफ दिखाई दे रही है ,सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले महानगर में एक भी स्वाइन फ्लू टेस्टिंग लैब नही है जबकि मुख्यमंत्री इंदौर को अपने स्वप्नो का शहर कहते है ,लाखो करोड़ो रूपये यात्राओं के नाम पर फिजूलखर्ची करने वाले मुख्यमंत्री इंदौर का हक मारकर स्वाइन फ्लू लैब को भोपाल ले गए जबकि भोपाल में एक लैब एम्स अस्पताल में पहले से ही थी ,ये मुख्यमंत्री की इंदौर की जनता के प्रति उदासीनता है और महापौर ने इस मुद्दे पर आज तक प्रतिकार नही किया,जबकि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इंदौर में यह लैब बनानी थी.जिसके लिए केंद्र सरकार से 1.74 करोड़ आ चुके थे और प्रदेश सरकार सिर्फ 3 करोड़ रुपये नही दे पायीl
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