‘‘आर्शिया और विराज की मासूमियत मुझे हर दिन
सेट पर खींच लाती है‘‘: सना अमीन शेख
ज़ी टीवी पर हाल ही में शुरू हुआ प्राइमटाइम ड्रामा ‘भूतू‘ में फीमेल लीड शुची का रोल निभा रहीं खूबसूरत अभिनेत्री सना अमीन शेख ने अपने रोल की खासियत के बारे में बात की। साथ ही इस शो के नन्हें को-स्टार्स आर्शिया मुखर्जी और विराज कपूर से अपनी नजदीकियों के बारे में भी चर्चा की।
– नए शो ‘भूतू‘ में काम करने की क्या वजह है?
वैसे तो कई वजहें हैं जिससे मैंने इस शो के लिए सहमति दी। मुझे शो का कॉन्सेप्ट बहुत पसंद आया क्योंकि यह अन्य शोज़ से पूरी तरह अलग है। इसमें शुची के किरदार में परफॉर्म करने के लिए मेरे लिए काफी स्कोप है। मैं ज़ी टीवी और इस शो के प्रोड्यूसर का शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने मुझे इस प्रभावशाली रोल के लिए चुना। इस शो का विषय बेहद दिलचस्प और अनूठा है।
– इस शो की खूबी क्या है?
भूतू दर्शकों को एक 7 साल की प्यारी भूतू पीहू से मिलाता है, जिसे खुद अपनी मौत के बारे में नहीं पता है। वह अपनी मां की तलाश में है। पीहू और उसकी मां के बीच रिश्ता इतना गहरा है कि ईश्वर को भी उनके प्यार के आगे झुकना पड़ता है और वह बाल कृष्ण के अवतार में उसे कंपनी देने धरती पर आ जाते हैं। वह पीहू को उसकी मां से मिलाने के लिए उसकी सहायता करते हैं और हमेशा उसके साथ रहते हैं। बाल कृष्ण के सहयोग से ही पीहू एक दूसरी लड़की शुची से मिलती है जो उसे देख और सुन पाती है। ‘भूतू‘ में एक अनोखी दुनिया है जहां पर कल्पना और हकीकत का संगम होता है। इस शो में दर्शकों को हंसते और मुस्कुराते पलों के साथ-साथ कुछ भावुक पल भी मिलेंगे।
– ‘भूतू‘ में अपने किरदार के बारे में बताएं?
मैं इसमें एक 24 साल की लड़की शुची का किरदार निभा रही हूं जो पीहू की मां को ढूंढ़ने में उसकी मदद करती है। शुची एकमात्र ऐसी जीवित इंसान है, जो पीहू को देख और सुन सकती है। वह एक आत्मनिर्भर और जिम्मेदार लड़की है और एक छोटी-सी रिक्रूटमेंट एजेंसी चलाती है और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद भी करती है। वह जोश से भरी एक जिंदादिल और बेपरवाह लड़की है। साथ ही अपने मांःबाप की लाड़ली भी है। वह बहुत मददगार, दयालु और संगीत प्रेमी है। उसे हॉरर फिल्में देखना पसंद है लेकिन वह भूतों में या जिंदगी के बाद के अस्तित्व में विश्वास नहीं करती।
-इस रोल के लिए आपने क्या तैयारियां की?
एक्टिंग मेरे खून में है इसलिए यह मुझ में स्वाभाविक रूप से आती है। जहां तक इस रोल की तैयारी है का सवाल है तो मैं स्क्रिप्ट के अनुसार ही काम करूंगी, और क्रिएटिव टीम और दर्शकों को अपना बेहतर देने का प्रयास करूंगी। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने में पूरी ईमानदारी बरतूंगी।
– इस रोल में आपको किस खास तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और इन बच्चों से आप का तालमेल कैसा है?
हर रोल की अपनी एक चुनौती होती है, लेकिन इसका एक नया पहलू भी है, जो मैं इस समय अनुभव कर रही हूं और वह है बच्चों के साथ काम करना। आर्शिया जो इसमें पीहू का रोल निभा रही हैं और विराज जो इसमें गोपाल के रोल में दिख रहे हैं, दोनों इतने पेशेवर और प्यारे हैं कि इनकी मासूमियत मुझे हर दिन सेट पर खींच लाती है।
-क्या आप भविष्य में अपने बच्चों को शो में काम करने की अनुमति देंगी?
मैं अपने बच्चों को शो में काम करने के लिए कभी बाध्य नहीं करूंगी लेकिन यदि उनकी दिलचस्पी एक्टिंग में होगी तो मैं उन्हें पूरे दिल से सहयोग भी करूंगी।
– आप अपना परिवार कब शुरू करना चाहती हैं?
अभी मैंने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। इस समय मैं काम कर रही हूं और फिलहाल अपने एक्टिंग करियर पर फोकस करना चाहती हूं।
– टेलीविजन इंडस्ट्री में आपकी एंट्री कैसे हुई?
मैंने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में अपनी शुरुआत की थी। 1995 में ज़ी टीवी के शो ‘हसरतें‘ में मैंने सावी की भूमिका निभाई थी। उस समय मैं स्कूल में थी। अपने कॉलेज के दिनों में मैंने रेडियो इंडस्ट्री में प्रवेश लिया और वहां मेरे सहयोगियों ने मुझे सलाह दी कि मैं इस शो के लिए ऑडिशन करूं। किस्मत से ऑडिशन में मैं सफल हो गई और तब से मुझे अलग-अलग रोल्स के लिए बहुत से कॉल से आ रहे हैं। मैं इस पेशे में इत्तेफाक से आई और धीरे-धीरे आगे बढ़ती रही।
– आप टीवी कब देखती हैं और आपको कौन-से शोज पसंद हैं?
मुझे टीवी देखने का समय नहीं मिलता है लेकिन जब भी मैं टीवी देखती हूं तो मैं सिंगिंग रियलिटी शोज देखना पसंद करती हूं। इस समय सारेगामापा लिटिल चैंप्स मेरा पसंदीदा शो है।
– इस समय डिजिटल स्पेस में नए कंटेंट देखने को मिल रहे हैं। क्या इस क्षेत्र में जाने की कोई योजना है?
डिजिटल दर्शक बहुत अलग होते हैं क्योंकि वह टीवी सीरियल नहीं देखते। ऐसे में दर्शक दो भागों में बट गए हैं जो अपनी-अपनी पसंद और अपने चुनाव और मानसिकता के आधार पर सामग्री देखना पसंद करते हैं। जहां तक डिजिटल स्पेस में कुछ करने का सवाल है तो यदि कुछ खास करने को मिला तो मैं इस बारे में सोच सकती हूं।
– आपका ड्रीम रोल क्या है?
मैंने कभी अपने ड्रीम रोल के बारे में नहीं सोचा। मुझे बहुत से रोल्स मिलते हैं लेकिन मैं उनमें से सारे नहीं कर पाती।
– क्या फिल्मों में करियर बनाने की कोई योजना है?
मैं इस समय के एक के बाद एक सीरियल कर रही हूं और मैं इसमें संतुष्ट हूं। यदि मुझे फिल्मों में करियर बनाने की इच्छा होगी तो मुझे ऑडिशन देने के लिए समय निकालना होगा, लोगों से बात करने के लिए और खुद को संवारने के लिए भी समय निकालना होगा लेकिन मेरे अंदर उतना संघर्ष करने का धैर्य नहीं है।
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