सैमसंग ने कर्मियों से बीमारियों के लिए माफी मांगी

सियोल। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने कंपनी की चिप और डिस्प्ले उत्पादन इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों को काम के कारण होने वाली बीमारियों के लिए शुक्रवार को औपचारिक रूप से माफी मांगी है और एक दशक से ज्यादा समय से चल रहे विवाद का निपटारा कर दिया है। सैमसंग इलेक्ट्रोनिक्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) किम की-नाम ने कंपनी की तरफ से कर्मचारियों के लिए गहरा खेद व्यक्त किया है। उन्होंने दावा किया कि सैमसंग मध्यस्थता समिति द्वारा तैयार मुआवजा योजना का पालन करने की हरसंभव कोशिश करेगी। किम कंपनी की महत्वपूर्ण डिवाइस सोल्यूशन विभाग के भी प्रमुख हैं।
किम ने कहा, हमारे प्यारे सहकर्मी और परिवार के सदस्य लंबे समय से पीड़ा में हैं, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स मामले को पहले नहीं सुलझा पाया। हमने मामले को तुरंत सुलझाने का काम नहीं किया। किम ने कहा, सैमसंग इलेक्ट्रोनिक्स ने चिप और लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (एलसीडी) निर्माण इकाइयों के स्वास्थ्य खतरों को पूरी तरह प्रबंधित नहीं किया है। आज हम बीमारियों से जूझ रहे कर्मियों तथा उनके परिजनों से दिल से माफी मांगते हैं।

दक्षिण कोरियाई कंपनी के लिए परेशानी तब शुरू हुई जब इसकी चिप निर्माण इकाई में काम करने वाले ह्वांग यू-मी का 2007 में ल्यूकेमिया से निधन हो गया।
गौरतलब है कि दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी और पीड़ितों के एक संगठन ‘सपोर्टर्स फॉर हैल्थ एंड राइट्स ऑफ पीपुल इन सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री’ (शार्प्स) दोनों जुलाई में मध्यस्थता समिति के निर्णय को बिना शर्त मानने पर राजी हो गए थे। इस महीने की शुरुआत में मध्यस्थता समिति ने समझौते की घोषणा की थी जिसके अनुसार, कंपनी को प्रत्येक पीड़ित को प्रति बीमारी 15 करोड़ वॉन (1,32,000 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा देने के लिए कहा गया था। मुआवजे में पीड़ितों से उनके बच्चों को हुई बीमारियों को भी शामिल किया गया था। समझौते में हालांकि यह स्वीकार नहीं किया गया कि कुछ कर्मियों को हुई बीमारियों के लिए कार्यस्थल का माहौल जिम्मेदार था।
शुक्रवार को सैमसंग और पीड़ितों ने मध्यस्थता समिति के जुलाई के निर्णय को स्वीकार कर उस पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
किम ने दोहराया कि सैमसंग मध्यस्थता समिति के निर्णय को बिना शर्त स्वीकार करेगी।

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