न्यूज़ डेस्क : अब मेडिकल स्टोर में मलेरिया की दवा की बिक्री नहीं होगी। सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही मलेरिया की दवा की आपूर्ति होगी। उन प्राइवेट अस्पतालों को भी मलेरिया की दवा दी जाएगी जिनमें कोरोना पॉजटिव मरीज भर्ती हैं।
कोरोना वायरस को खत्म करने में मलेरिया की दवा कारगर है। इसका खुलासा होने के बाद हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा को लेकर मारामारी मच गई। हालात यह है कि जो दवा पहले मेडिकल स्टोर में एक्सपायर हो जाती थी, वह हाथों-हाथ बिक गई। सरकारी अस्पतालों में भी मलेरिया की दवा का संकट खड़ा हो गया है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) में ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव के मुताबिक मलेरिया की दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए। दवा के दुरुपयोग के मद्देनजर मेडिकल स्टोर पर मलेरिया की दवा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगा दी गई है। साथ ही कंपिनयों के स्टोर को निर्देशित किया गया है कि वह यह दवा केवल सरकारी अस्पतालों को ही सप्लाई करें, मेडिकल स्टोरों पर नहीं। आदेश न मानने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसलिए अब यह दवा सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही मिलेगी।
लोहिया, बलरामपुर, सिविल समेत दूसरे अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। लोहिया के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला के मुताबिक हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के बहुत सारे दुष्प्रभाव हैं। कोरोना संक्रमित का इलाज करने वाले डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को इन दवा को खाने की सलाह दी गई है।
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