सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास भारत का मूल मंत्र : यूएन में मोदी

न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केवल सुधरे हुए रूप में ही बहुपक्षवाद मानवता की आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मूल रूप से द्वितीय विश्व युद्ध के उपद्रवों से पैदा हुआ था और कोविड-19 के प्रकोप ने इसे पुनर्जन्म और सुधार के नए अवसर उपलब्ध कराए हैं। कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, कैसी भी आपदा हो, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। इस लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों की सहायता की है। उन्होंने कहा, हमने सार्क कोविड आपातकालीन निधि बनाने में भी मदद की।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद ( यूएनईएससी UNESC ) के सत्र को संबोधित किया। ‘कोविड-19 के बाद बहुपक्षीयता विषय पर आधारित इस सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने संकट के इस समय में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की भी जानकारी दी। विश्व शांति के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति और सद्भाव की स्थापना एकजुट होकर ही संभव है। पढ़िए संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें…

 

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन में बदला। भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस से ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) सबसे बेहतर है। 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना काल में स्थितियों को सामान्य बनाए के लिए शुरू की गई योजनाओं और फैसलों को लेकर कहा, हमने देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विशेष पैकेज लाए।

 

 

उन्होंने कहा कि भारत में लोगों को आवास प्रदान करने के उद्देश्य से हमने प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि साल 2022 में जब भारत अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा होगा, तब तक हर भारतीय के सिर पर सुरक्षित छत होगी। 

 

भारत की आम जनता के बीच बैंकिंग की स्थिति की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने छह साल में 40 करोड़ बैंक खाते खोले हैं। जरूरतमंद लोगों के खातों में हमने सीधे राहत राशि पहुंचाई है।  हम खाद्य सुरक्षा योजना लाए जिससे 80 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को फायदा मिला। 

 

संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया बहुत बदल गई है। भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, हम सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में जुटे हुए हैं और अन्य विकासशील देशों की भी इस कार्य में मदद कर रहे हैं।  

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2030 के एजेंडा को हासिल करने के लिए भारत पूरी कोशिश कर रहा है। हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है। हम किसी को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं। हम जनता को हर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत हैं। 

 

संयुक्त राष्ट्र और भारत के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने शुरुआत से ही  संयुक्त राष्ट्र के और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के विकास कार्यों का सक्रिय समर्थन किया है। यूएनईएससी के पहले अध्यक्ष भी भारतीय ही थे। भारत ने इसके एजेंडा को स्वरूप देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत के प्रयासों को बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का अभियान चलाया। हम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए पर्यावरण के बारे में भी सोच रहे हैं। इसके साथ ही पांच साल में हमने 38 मिलियन कार्बन उत्सर्जन कम किया है।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कैसा भी संकट हो भारत ने आगे आकर उसका सामना किया है। उन्होंने कहा कि चाहे भूकंप हो, चक्रवात तो, इबोला संकट हो या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, सबको लेकर भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। 

 

उन्होंने कहा कि हमने स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे को गंभीरता से लिया और देश के छह लाख गांवों में पूर्ण स्वच्छता प्राप्त करके हमने पिछले साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम महिलाओं को सशक्त बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

 

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए सभी का योगदान बहुत जरूरी है। इस काम के लिए सबसे मिलकर आगे आने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि चुनौतियों से जीतने के लिए हमें मिलकर लड़ना होगा, यही एकमात्र रास्ता है।

 

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