कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सार्क देश साथ आए, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की
न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर सार्क देश साथ आए हैं। इन देशों के प्रतिनिधियों ने रविवार को इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त रणनीति बनाने पर जोर दिया। मगर पाकिस्तान यहां पर भी अपनी हरकत से बाज नहीं आया।
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बैठक में भाग नहीं किया। उनकी जगह स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा ने वीडियो कॉन्फ्रेंंसिंग में हिस्सा लिया। मगर यहां भी वह कश्मीर राग अलापने से बाज नहीं आए।
उधर, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए दक्षेस मंत्रिस्तरीय समूह के गठन का प्रस्ताव किया। कोरोना वायरस के कारण अब तक दुनियाभर में 5000 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में मोदी के अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य ममलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा शामिल हुए ।
अपने शुरूआती संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दक्षेस क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 150 मामले आए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं..यही हमारा मंत्र है।
उन्होंने दक्षेस देशों के नेताओं से कहा कि हमने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर मध्य जनवरी से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच का काम शुरू किया था और धीरे-धीरे यात्रा पाबंदी को बढ़ाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 पर कहा कि एक-एक करके उठाए गए हमारे कदमों से अफरा-तफरी से बचने में मदद मिली, संवेदनशील समूहों तक पहुंचने के लिए विशेष कदम उठाये। उन्होंने कहा कि भारत ने विदेशों में अपने लोगों की आवाज पर प्रतिक्रिया दी और विभिन्न देशों से करीब 1400 लोगों को बाहर निकाला।
मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस प्रभावित देशों से अपने पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को भी बाहर निकालने में मदद की। उन्होंने संबोधन में कहा कि हमने जनवरी के मध्य से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा कि हमने कमजोर समूहों तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। हमने अपने सिस्टम से देश भर में अपने मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देने सहित क्षमता में तेजी से वृद्धि करने का काम किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के संबंध बहुत प्राचीन है और हमारा समाज एक दूसरे के साथ बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है। इस वजह से हमें एक साथ तैयार होकर इससे लड़ना होगा और सफल होना होगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं, कोविड-19 को हाल ही में डब्लूएचओ द्वारा वैश्विक महामारी घोषित किया गया है। अब तक, हमारे क्षेत्र ने 150 से कम मामलों को सूचीबद्ध किया है। लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
गौरतलब हो कि मोदी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से निपटने के लिये दक्षेस देशों को संयुक्त रणनीति बनाने का सुझाव देते हुए कहा था कि दक्षेस देश उदाहरण पेश करें।
पाकिस्तान प्रतिनिधि ने एक बार फिर रागा कश्मीर का अलाप
वहीं, इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नदारद रहे। हालांकि पाक पीएम ने अपनी जगह स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा को कांफ्रेंसिंग में भाग लेने के लिए भेजा।
यहां भी एक बार फिर पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कोरोना वायरस पर मदद के लिए बोलने के बजाय कश्मीर का राग अलापना उपयुक्त समझा। माना जा रहा था कि पाकिस्तान की तरफ से भेजे गए प्रतिनिधि दक्षेस सम्मेलन में कोरोना वायरस पर बात चीत करेंगे लेकिन वह कश्मीर पर ही चर्चा करने लगे।
मिर्जा ने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू कश्मीर में छह महीनों से ज्यादा समय से पाबंदी लागू है। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इसलिए मैं भारत से कहना चाहूंगा कि वह कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जम्मू कश्मीर पर लगी पाबंदियों को हटाए।
जफर मिर्जा ने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस फैलने के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए कोई भी देश मुंह नहीं मोड़ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करनी चाहिए और सबसे खराब के लिए तैयार रहना चाहिए।
जफर मिर्जा ने कहा कि दुनियाभर में 1,55,000 से अधिक लोगों के संक्रमित होने, 5833 मौतें और 138 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस से कोई भी देश और दुनिया का कोई भी क्षेत्र अनुत्तरदायी नहीं हो सकता है।
मिर्जा ने कहा कि दक्षिण एशिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस की क्षमता पर पाकिस्तान साझा चिंता व्यक्त करता है। हमारे सभी देशों ने मामलों की पुष्टि की है। किसी भी शालीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हुए हमें सबसे खराब के लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि हमने अपने सभी शिक्षण संस्थानों को तीन सप्ताह के लिए बंद करने, दो सप्ताह के लिए संपूर्ण पश्चिमी सीमा को बंद करने, केवल तीन हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रतिबंधित करने और सभी बड़े सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
इमरान के सहायक ने कहा कि हमारा मानना है कि सार्क सचिवालय हमें एक ऐसा मंच प्रदान करता है जो हमें एक साथ ला सकता है और हमारा मानना है कि हमें संसाधनों के उच्चतम प्रयोग के लिए इस मंच का उपयोग करने की आवश्यकता है।
सरकार के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के कश्मीर राग पर भारत ने कहा है कि सार्क संगठन बहुत पुराना है। ये आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सार्क नेताओं को साथ लाया है। अगर इससे कोई अन्य पहल हो सकती है, जो कहना मुश्किल है। पाकिस्तान की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई, यह दिखाता है कि वे क्या हैं।
पीएम मोदी और भारत के लोगों की सराहना करता हूं: मालदीव के राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने सार्क देशों को संबोधित किया। अपने संबोधन में मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मैं भी अपना संबोधन कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई इस कांफ्रेंसिंग के लिए उन्हें धन्यवाद देकर शुरू करूंगा। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपने आप में वायरस का मुकाबला करने में सफल नहीं हो सकता है।
राष्ट्रपति सोलिह ने कहा कि मालदीव भारत से सहायता प्राप्त करने के लिए भाग्यशाली रहा है और मैं पीएम मोदी और भारत के लोगों की अपने सरकार की तरफ से सराहना करता हूं।
हमारे 23 छात्रों को वुहान से लाने के लिए भारत का शुक्रिया: बांग्लादेश पीएम
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने यह पहल की। मैं भारतीय छात्रों के साथ वुहान (चीन) से हमारे 23 छात्रों को लाने और उनकी मेजबानी करने के लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं।
उन्होंने कहा कि तकनीकी स्तर पर इस वार्ता को जारी रखने के लिए, हमारे स्वास्थ्य मंत्रियों, स्वास्थ्य सचिवों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को विशिष्ट चर्चा करने के लिए इस तरह के वीडियो सम्मेलनों का आयोजन करना चाहिए।
सार्क देशों की अर्थव्यवस्था के कठिन दौर से निपटने के लिए तंत्र तैयार किया जाएं: श्रीलंका राष्ट्रपति
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटभया राजपक्षे ने सार्क देशों को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने यह पहल की जहां हम अपने अनुभवों, विचारों, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा कर चुनौतियों को समझ और उनपर उठाए जाने वाले उपायों पर चर्चा कर सकें।
उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था ने गंभीर झटका लगा है, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र जो पिछले साल हमारे देश पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद ठीक हो रहा था। मैं सार्क नेताओं को हमारी अर्थव्यवस्थाओं को कठिन दौर से निपटने में सहायता करने के लिए तंत्र तैयार करने की जोरदार सलाह देता हूं।
सीमाओं के बंद होने से बुनियादी वस्तुओं की समस्या हो जाएगी: अशरफ गनी
सार्क वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि हमें कोरोनावायरस से लड़ने के लिए टेली-मेडिसिन के लिए एक सामान्य ढांचा तैयार करना चाहिए। सीमाओं के बंद होने से भोजन, दवाओं और बुनियादी वस्तुओं की उपलब्धता की महत्वपूर्ण समस्या हो जाएगी।
अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि जैसा की हम जानते हैं कि भारत सार्क और शंघाई सहयोग संगठन दोनों का हिस्सा है, इसलिए वह सार्क और शंघाई सहयोग संगठन के बीच समन्वय स्थापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे चीन द्वारा कोरोना से लड़ने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मिलेगी, साथ ही हम चीन के अनुभवों से सीख सकेंगे।
सामूहिक प्रयास कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मदद करेग: नेपाल पीएम
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि मैं इस महत्वपूर्ण और समयबद्ध पहल के लिए पीएम मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हमारा सामूहिक ज्ञान और प्रयास हमें सार्क क्षेत्र के लिए मजबूत रणनीति तैयार करने में मदद करेगा।
कोरोना से लड़ने के लिए एकजुटता की आवश्यकता: भूटान पीएम
भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि हम सभी को एक साथ लाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि हर समय एकजुटता की आवश्यकता होती है, लेकिन जब दुनिया एक आम बीमारी से लड़ रही है, तो यह हमारे मतभेदों को पीछे छोड़ने के लिए बहुत अच्छा है।
गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस से निपटने के लिए सार्क देशों का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि सार्क देशों के नेतृत्व में इससे लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई जाए। सार्क देशों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल की काफी सराहना की गई।
सार्क देशों के प्रतिनिधियों ने उनके इस फैसले का स्वागत करते हुए साथ खड़े रहने की बात कही थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि इस वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई जाए। इससे हम दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी धरती कोरोनावायरस से जूझ रही है। विभिन्न स्तरों पर, सरकारें और लोग इसका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वैश्विक आबादी की एक महत्वपूर्ण संख्या का घर दक्षिण एशिया को यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए कि हमारे लोग स्वस्थ हैं।
उन्होंने कहा था कि मैं प्रस्ताव करना चाहूंगा कि सार्क देशों के नेतृत्व ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई जाए। हमारे नागरिकों को स्वस्थ रखने के तरीकों के बारे में हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे हम दुनिया के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं और धरती को स्वस्थ रखने में योगदान दे सकते हैं।
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