ट्यूमर के निदान एवं उपचार के लिए रूस अपना स्वयं का अल्ट्रासाउंड सिस्टम बना रहा है
न्यूज़ डेस्क : होल्डिंग (रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन का अंश) और पीटर द ग्रेट सेंट पीटर्सबर्ग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी नॉन-इनवेसिव ट्यूमर के उपचार के उद्देश्य से पहला रूसी उपकरण बनाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस नए हाई-इंटेसिटी फोकस्ड अल्ट्रासाउंड (एचआईएफयू) प्रणाली का उत्पादन नोवोसिबिर्स्क इंस्ट्रूमेंट-मेकिंग प्लांट में किया जाएगा और 2019 के अंत तक पहले प्रोटोटाइप बना लिये जायेंगे।
एचआईएफयू प्रणाली को केंद्रित उच्च तीव्रता वाले अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके स्तन ग्रंथि में ट्यूमर के निदान और उपचार के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। इस प्रणाली में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों शामिल हैं। प्रणाली में एक पावर मॉड्यूल, एक मॉनिटर और नियंत्रण कक्ष के साथ एक मेडिकल स्टैंड, एक रोबोट मैनिपुलेटर यूनिट, निदान और उपचार दोनों के लिए एक संयुक्त अल्ट्रासोनिक पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर सहित अल्ट्रासाउंड यूनिट, और एक इम्मोबिलाइजर के साथ रोगी की सीट शामिल होगी।
रोस्टेक के कार्यकारी निदेशक ओलेग इवतुशेंको ने कहा कि “रोस्टेक द्वारा चिकित्सा उपकरणों के अपने दायरे का विस्तार जारी है। हम प्रमुख रूसी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में जीवन रक्षक हाई-टेक मेडिकल डिवाइस बना रहे हैं। कैंसर के इलाज के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक तरीका, नॉन-इनवेसिव उपचार है। समान किस्म के विदेशी उपकरणों की तुलना में हमारे एचआईएफयू सिस्टम में कई फायदे होंगे। यह अधिक कॉम्पैक्ट और उपयोग करने में आसान होगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक मार्गदर्शन और ट्यूमर पर अल्ट्रासाउंड प्रभाव की निरंतर निगरानी भी शामिल होगी।”
तकनीकी और डिजाइन विकास कार्य पहले ही पूरा हो चुका है; अब प्रोजेक्ट टीम सिस्टम एप्लिकेशन विधियों के साथ ही डॉक्यूमेंटेशन पर काम कर रही है। सिस्टम का पहला प्रोटोटाइप 2019 के अंत तक तैयार हो जायेगा, और पहले नैदानिक परीक्षण 2020 में किए जा सकते हैं। इसके बाद, प्रोजेक्ट को पंजीकरण प्रमाणपत्र मिल सकता है और वह बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर सकता है।
रोस्टेक के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और क्षेत्रीय नीति विभाग के महानिदेशक विक्टर कल्लोव ने कहा कि "हम भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों जैसे अत्यधिक आबादी वाले विकासशील देशों को अपने उच्च तकनीक वाले चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने को लेकर काफी संभावनाएं देख रहे हैं। मुझे विश्वास है कि प्रमुख रूसी विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई नई एचआईएफयू प्रणाली की पर्याप्त मांग कई विदेशी बाजारों में रहेगी l
यह परियोजना श्वाबे होल्डिंग की सहायक कंपनी, नोवोसिबिर्स्क इंस्ट्रूमेंट-मेकिंग प्लांट द्वारा वित्तपोषित है। प्लांट बाद में प्रॉडक्ट का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेगा। भविष्य में, इस परियोजना के आधार पर अनुरूप उपकरणों की एक पूरी नई लाइन बनाई जा सकती है। इनमें लिवर, प्रोस्टेट ग्रंथि और मस्तिष्क में ट्यूमर के उपचार के उपकरण शामिल हैं।
श्वेबे होल्डिंग स्टेट कॉर्पोरेशन रोस्टेक का हिस्सा है और रूस में ऑप्टिकल उद्योग के कई दर्जन प्रमुख संगठनों को एकजुट करता है। होल्डिंग के उद्यमों में राष्ट्रीय रक्षा, राज्य और सार्वजनिक सुरक्षा के हितों में और सिविल उद्योगों के लिए नई ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक और लेजर प्रौद्योगिकी के निर्माण का पूरा चक्र शामिल है। उनके उत्पादन स्थलों पर, रूसी संघ के सशस्त्र बलों के लिए अभिनव ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक और लेजर सिस्टम, साथ ही साथ अर्थ एयरोस्पेस निगरानी और रिमोट सेंसिंग, ऑप्टिकल सामग्री, चिकित्सा उपकरण, वैज्ञानिक उपकरण और ऊर्जा बचत प्रकाश व्यवस्था विकसित की जाती हैं और क्रमिक रूप से उनका उत्पादन भी किया जाता है। बौद्धिक संपदा के पोर्टफोलियो में 1886 यूनिट्स हैं और उत्पादों की संख्या 6500 यूनिट्स से अधिक है। श्वाबे के उत्पाद रूस के सभी क्षेत्रों में उपयोग में लाये जाते हैं और इन उत्पादों का दुनिया के 95 देशों में निर्यात किया जाता है। फिलहाल होल्डिंग के प्रतिनिधि कार्यालय चीन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और बेलारूस में स्थित हैं।
स्टेट कॉर्पोरेशन रोस्टेक एक रूसी कॉरपोरेशन है जिसकी स्थापना 2007 में हाई-टेक सिविलियन और सैन्य उद्योग उत्पादों के विकास, उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। कॉरपोरेशन में 700 से अधिक संगठन शामिल हैं जो वर्तमान में सैन्य-औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली ग्यारह होल्डिंग कंपनियों और नागरिक उद्योग में काम करने वाली चार होल्डिंग कंपनियों के साथ-साथ 80 से अधिक सीधे प्रबंधित संगठनों का हिस्सा हैं। रोस्टेक के पोर्टफोलियो में एव्तोवाज, कामाज, कंसर्न कलाश्निकोव, रूसी हेलिकॉप्टर्स, यूराल वैगनज़ावॉड, आदि प्रसिद्ध ब्रांड शामिल हैं। 2017 में रोस्टेक का समेकित राजस्व 1 ट्रिलियन 5 बिलियन रूबल तक पहुंच गया, जबकि समेकित शुद्ध आय और ईबीआईटीडीए क्रमश: 121 और 305 बिलियन रूबल की हो गई। रोस्टेक की रणनीति के अनुसार, कॉरपोरेशन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रूस को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजारों में तकनीकी लाभ हो। रोस्टेक के प्रमुख उद्देश्यों में नया तकनीकी-आर्थिक प्रतिमान स्थापित करना और रूसी अर्थव्यवस्था का डिजिटलाइजेशन करना है।
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