न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘इंडिया आइडियाज सम्मेलन’ को संबोधित किया। ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ की ओर से आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन काउंसिल के गठन के 45 वर्ष पूरे होने पर किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि, हम सब इस बात पर सहमत हैं कि दुनिया को एक बेहतर भविष्य की जरूरत है। हम सभी को मिल कर भविष्य को आकार देना होगा। मैं पूरी निष्ठा के साथ भरोसा करता हूं कि भविष्य को लेकर हमारा दृष्टिकोण मुख्य रूप से मानव केंद्रित होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक आर्थिक लचीलापन मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। इसका मतलब विनिर्माण के लिए घरेलू क्षमता में सुधार, वित्तीय प्रणाली के स्वास्थ्य को बहाल करना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विविधता लाना है। उन्होंने कहा, ‘हम ‘आत्मानिभर भारत’ योजना को शुरू करते हुए एक समृद्ध विश्व के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। इसके लिए हमें आपकी भागीदारी की जरूरत है।’
‘अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए किए गए हैं कई प्रयास’
उन्होंने कहा, पिछले छह सालों के दौरान हमने अपनी अर्थव्यवस्था को और विस्तृत करने के लिए और सुधार उन्मुख बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं। इन सुधारों ने प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता, डिजिटाइजेश के विस्तार, नवीनता और नीति स्थिरता में वृद्धि को सुनिश्चित किया है। भारत अवसरों की भूमि के रूप में उभर रहा है। टेक सेक्टर का एक उदाहरण देते हुए पीएम ने कहा, हाल ही में एक रोचक रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें कहा गया था कि पहली बार भारत में ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स की संख्या शहरी इंटरनेट यूजर्स से ज्यादा हुई है।
‘ग्रामीण इंटरनेट यूजर्स की संख्या शहरी यूजर्स से ज्यादा हुई’
प्रधानमंत्री ने कहा, आज भारत को लेकर पूरी दुनिया आशावादी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत खुलेपन, अवसरों और तकनीकी का बेहतरीन संगम उपलब्ध कराता है। मुक्त दिमाग से मुक्त बाजार बनते हैं और ये मुक्त बाजार समृद्धि लाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत आपको हेल्थकेयर में निवेश के लिए आमंत्रित करता है। भारत में हेल्थकेयर सेक्टर हर साल 22 फीसदी से भी ज्यादा रफ्तार से विकसित हो रहा है।
‘नए विमान शामिल करने की तैयारी में भारतीय एयरलाइंस’
उन्होंने कहा, हमारी कंपनियां मेडिकल-टेक्नोलॉजी, टेलीमेडिसिन और डायग्नोस्टिक्स के उत्पादन में भी प्रगति कर रही हैं। उन्होंने कहा, सिविल एविएशन (नागरिक उड्डयन) बेहतर विकास की संभावनाओं वाला एक और क्षेत्र है। अगले आठ सालों में हवाई यात्रियों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। भारत की शीर्ष एयरलाइंस आने वाले दशक में एक हजार से भी ज्यादा नए विमानों को शामिल करने की तैयारी कर रही हैं।
भारत में रक्षा और अंतरिक्ष में निवेश के लिए किया आमंत्रित
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत आपको रक्षा और अंतरिक्ष में निवेश के लिए आमंत्रित करता है। हम रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीए) पूंजी को 74 फीसदी तक बढ़ा रहे हैं। हमने रक्षा उपकरणों का उत्पादन प्रोत्साहित करने के लिए दो रक्षा गलियारों की स्थापना की है।’ उन्होंने कहा, 2019-20 में भारत में एफडीआई प्रवाह 74 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा है। अप्रैल और जुलाई के बीच भारत ने 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी निवेश आकर्षित किया है।
भारत-अमेरिका में है बड़े एजेंडे तय करने की क्षमता : जयशंकर
इससे पहले इंडिया आइडियाज सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों पर विस्तार से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि हम (भारत-अमेरिका) दुनिया को आकार देने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की क्षमता रखते हैं। भारत और अमेरिका में बड़े एजेंडे तय करने की क्षमता है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जयशंकर ने कहा, हम समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, कनेक्टिविटी, कोरोना वायरस, जलवायु परिवर्तन पर काम कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इसका बड़ा हिस्सा यह है कि हम कैसे द्विपक्षीय एजेंडे को मजबूत करते हुए बड़े एजेंडे को आकार देते हैं।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि मुझे लगता है, अमेरिका को वास्तव में अधिक बहुपक्षीय व्यवस्था के साथ अधिक बहुध्रुवीय दुनिया के साथ काम करना सीखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को उन गठबंधनों से परे जाना चाहिए जिनके साथ यह पिछली दो पीढ़ियों में आगे बढ़ा है।
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