522 ऑक्सीजन विशेष ट्रेनों को सुरक्षा दी गई
मानव तस्करों से 630 लोगों को बचाया गया
“ऑपरेशन अमानत” के तहत 12,377 यात्रियों से संबंधित 23 करोड़ रुपये से अधिक के छूटे गए सामान को वापस किया गया
दलालों के खिलाफ कार्रवाई, 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए गए, 4,600 से अधिक दोषियों को गिरफ्तार किया गया, 2.8 करोड़ रुपये के रेलवे टिकट जब्त किए गए
प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 244 “मेरी सहेली” दलों की तैनाती की गई
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरपीएफ यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है। यह अपने ग्राहकों को सुरक्षित माल परिवहन सेवा प्रदान करने में भारतीय रेलवे की सहायता करती है। आरपीएफ ने रेलवे संपत्ति के खिलाफ अपराध का पता लगाने के लिए उपाय करने के साथ-साथ निरोधक उपायों के जरिए पूरे देश में स्थित रेलवे की विशाल संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी को भी निभाया है। यह आंतरिक सुरक्षा, कानून व व्यवस्था संरक्षण और राष्ट्रीय व राज्य चुनावों के दौरान बंदोबस्त प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण हितधारक बन गई है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है-
- महामारी के दौरान कोविड के प्रसार को रोकने के लिए की गई कार्रवाई –
- आरपीएफ ने 522 ऑक्सीजन विशेष ट्रेनों को शुरुआती स्टेशन से गंतव्य तक सुरक्षा प्रदान की
- प्रमुख स्टेशनों पर कोविड सहायता बूथों को संचालित किया गया, जिन्होंने कई स्रोतों से सत्यापित जानकारी प्राप्त की और जरूरतमंदों को तत्काल सहायता प्रदान करने के अलावा उन्हें कोविड संसाधनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान की।
- प्रोटोकॉल के अनुरूप कोविड उचित व्यवहार के अनुपालन यानी मास्क पहनना, सैनिटाइजर उपयोग करना और शारीरिक दूरी बनाए रखने को सुनिश्चित किया गया।
- 2021 के दौरान 26 आरपीएफ कर्मियों ने काम के दौरान कोविड संक्रमित होने के चलते अपनी जिंदगी न्यौछावर कर दी।
- अनमोल जीवन को बचाना –
साल 2021 के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना अपनी ड्यूटी की सीमा से कहीं आगे जाकर 601 व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया। एनसीआर (उत्तर प्रदेश) के भरवारी रेलवे स्टेशन पर 2 मार्च, 2021 को हेड कांस्टेबल श्री ज्ञान चंद ने अदम्य साहस दिखाते हुए आत्महत्या की कोशिश करने वाली एक महिला को बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आरपीएफ “मिशन जीवन रक्षा” के तहत मिशन मोड में लोगों की जिंदगी को बचा रही है। इस मिशन के तहत पिछले चार वर्षों में आरपीएफ के जवानों ने रेलवे स्टेशनों पर चलती ट्रेनों के पहियों की चपेट में आने से 1,650 लोगों की जिंदगी बचाई है। बीते 4 वर्षों में जीवन बचाने में आरपीएफ कर्मियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति ने आरपीएफ कर्मियों को 9 जीवन रक्षा पदक और एक वीरता पदक से सम्मानित किया है।
- महिला सुरक्षा –
लंबी दूरी की ट्रेनों में विशेष रूप से अकेली यात्रा करने वाली या अपराध की दृष्टि से कमजोर महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक पहल “मेरी सहेली” शुरू की गई थी। आरपीएफ ने इस उद्देश्य के लिए पूरे भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 244 “मेरी सहेली” दलों की तैनाती की है। आरपीएफ इन महिला यात्रियों से उनकी यात्रा के अंत में प्रतिक्रिया प्राप्त करती है, जिससे इस पहल की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके व इसे और अधिक बेहतर बनाया जा सके। इसके अलावा महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य निवारक उपायों को भी लागू किया जा रहा है। इनमें ट्रेन एस्कॉर्टिंग, 840 स्टेशन व लगभग 4000 कोचों में सीसीटीवी प्रणाली, महिला विशेष उपनगरीय ट्रेनों में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना और महिला कोच में अनाधिकृत यात्रियों के खिलाफ नियमित अभियान संचालित करना शामिल हैं।
- मानव तस्करी –
आरपीएफ रेल परिवहन के जरिए मानव तस्करी के मामलों में तत्काल कदम उठाती है और इस अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 630 व्यक्तियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया। इसमें 54 महिलाएं, 94 नाबालिग लड़कियां, 81 पुरुष और 401 नाबालिग लड़के शामिल हैं।
- बच्चों को बचाना –
आरपीएफ ने कई वजह से अपने परिवार से खोए/बिछड़े हुए बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा भारतीय रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले 11,900 से अधिक बच्चों को बचाया है। पूरे देश में 132 चाइल्ड हेल्प डेस्क कार्यरत हैं, जहां आरपीएफ बच्चों के बचाव के लिए मनोनीत एनजीओ के साथ काम करती है।
- यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल अपराधी के खिलाफ कार्रवाई-
पुलिस के माध्यम से कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की है, जिसे ट्रेनों में वे जीआरपी/जिला पुलिस के जरिए पूरा करते हैं। आरपीएफ रेलवे यात्रियों के खिलाफ अपराध की रोकथाम/पहचान में पुलिस के प्रयासों में सहायता करती है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल 3,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर संबंधित जीआरपी/पुलिस को सौंपने का काम की है।
- रेलवे संपत्ति का संरक्षण और सुरक्षा-
रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और इससे जुड़े अपराध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के अपने आदेश के अनुसार, आरपीएफ ने साल 2021 में 5.83 करोड़ रुपये की चोरी की गई रेलवे संपत्ति की वसूली के साथ इस तरह के अपराध में शामिल 8,744 लोगों को गिरफ्तार किया है।
- दलालों के खिलाफ कार्रवाई –
कोविड महामारी के दौरान यात्री ट्रेनों के सीमित परिचालन को बहाल किया गया था और कोविड प्रोटोकॉल को लागू करने के संबंध में भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए ट्रेनों में आरक्षित बर्थ/सीट वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति थी। इसके चलते दलालों को अवैध रूप से प्रीमियम दरों पर आरक्षित टिकटों की खरीद और बिक्री का कारोबार करने का एक सुनहरा अवसर मिला। इस अपराध पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ ने तेजी से कार्रवाई की और पूरे साल इस तरह के अपराध के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया और 4,600 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए। इन दलालों के पास से 2.8 करोड़ रुपये की अवैध रूप से प्राप्त भविष्य की यात्रा टिकटों को भी जब्त किया गया।
नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई-
2019 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिकार मिलने के बाद आरपीएफ ने साल 2021 के दौरान 620 ड्रग पेडलर (नशीले पदार्थों के व्यापार में शामिल व्यक्ति) की गिरफ्तारी के साथ रेलवे के जरिए ढोए जा रहे 15.7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों की बरामदगी में सफलता प्राप्त की।
- वन्यजीव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई –
वन्यजीव और जानवरों के अंगों की तस्करी प्रकृति के खिलाफ अपराध है। आरपीएफ इस मुद्दे पर सक्रिय है और वन्यजीवों के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने चंदन की लकड़ी और पशु व वनस्पतियों के साथ-साथ कई प्रतिबंधित वन्यजीव यानी पक्षी, सांप, कछुआ, मोर, सरीसृप और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों को बरामद की है।
- वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए यात्रा को आरामदायक बनाना –
आरपीएफ निरंतर सहायता की जरूरत वाले व्यक्तियों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगजनों और महिला यात्रियों को मानवीय सोच के साथ सहायता प्रदान कर रही है। उनकी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ ने साल 2021 के दौरान महिलाओं के लिए आरक्षित कोचों में अनधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 25,000 से अधिक व्यक्तियों और दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित कोचों से 9,307 व्यक्तियों को पकड़ा है।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया –
टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 139 (24X7) और ट्विटर पर संकट में फंसे यात्रियों की 80 हजार से अधिक सुरक्षा संबंधित कॉल/शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की गई और उनका समाधान किया गया।
- यात्रियों को उनका छूटा हुआ सामान वापस करना –
साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 12,377 यात्रियों से संबंधित 23 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के छूटे हुए सामान को सत्यापन के बाद उन्हें वापस कर दी। आरपीएफ ‘ऑपरेशन अमानत’ के तहत यात्रियों को यह सेवा प्रदान कर रही है।
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