आईएसआईएस-के से आत्मरक्षा में किया राकेट हमला : अमेरिका

न्यूज़ डेस्क : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट के पास हुए बम धमाकों के तीन दिन बाद यहां रविवार को एक और धमाका हुआ। धमाके वाली जगह धुएं का गुबार देखा गया। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाकों के लोग दशहत में आ गए। इस घटना में एक बच्चे की मौत की खबर के बाद अमेरिका ने सफाई दी है। अमेरिका ने कहा है कि उसकी सेना ने इस हमले के जरिए आईएसआईएस-के के आत्मघाती हमलावर को निशाना बनाया था। यह आत्मघाती आतंकी काबुल एयरपोर्ट को नुकसान पहुंचाना चाहता था।

 

 

 

 

आतंकी हमला या अमेरिका की स्ट्राइक?

इससे पहले आई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यह हमला रॉकेट के जरिए आतंकियों ने किया था। जबकि स्थानीय पुलिस प्रमुख ने जानकारी दी थी कि काबुल हवाई अड्डे के उत्तर-पश्चिम में स्थित रिहायशी इलाके में यह रॉकेट गिरा। इसमें एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं दो प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि रॉकेट के एक घर से टकराने के कारण यह धमाका हुआ। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि इस रॉकेट हमले में दो लोगों की मौत हुई और तीन लोग घायल हुए। इस हमले के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

 

 

 

अमेरिकी सेना ने आत्मरक्षा में किया हमला

काबुल में रिहायशी इलाके में रॉकेट गिरने के मामले में अमेरिाक की ओर से भी बयान सामने आया है। अमेरिका ने कहा है कि उसकी सेना ने आत्मरक्षा में यह हमला किया था। यूएस सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता बिल अर्बन ने इस संबंध में रविवार को कहा कि अमेरिकी सैन्य बलों ने आज काबुल में एक वाहन पर आत्मरक्षा में मानव रहित विमान से हवाई हमला किया। इससे हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए आईएसआईएस-के के हमले का खतरा समाप्त हो गया। हमें विश्वास है कि हमने इस लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान हुआ दूसरा धमाका इस बात की तस्दीक करता है कि वाहन में विस्फोटक सामग्री थी। हम नागरिकों के हताहत होने की संभावनाओं का आकलन कर रहे हैं, हालांकि इस समय हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

 

 

 

इससे पहले अमेरिकी सेना के दो अधिकारियों ने भी बताया था कि अमेरिका ने काबुल में संदिग्ध आईएसआईएस-के (आईएसआईएस-खुरासान) के आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए एक सैन्य हमला किया है। अधिकारियों के हवाले से जानकारी मिली है कि अमेरिका ने यह स्ट्राइक ड्रोन से की थी। इसमें विस्फोटकों से लदी उस कार को निशाना बनाया गया। बताया जा रहा है कि इस कार से काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाने की कोशिश हो रही थी।

 

 

31 अगस्त के बाद भी लोगों को जाने देंगे: तालिबान

वहीं इससे पहले इस घटना को लेकर तालिबान की ओर से उसके प्रवक्ता का बयान भी आया। बयान में तालिबान के प्रवक्ता ने भी कहा कि अमेरिका ने एक आत्मघाती हमलावर को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की है। यह आत्मघाती हमलावर काबुल एयरपोर्ट को निशाना बनाने की फिराक में था। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक चैनल से बातचीत में यह भी कहा है कि अफगानिस्तान से 31 अगस्त के बाद भी लोगों को एयरलिफ्ट करने दिया जाएगा।

 

 

 

 

 

काबुल हवाई अड्डे के पास गिरा

हमला उत्तरी काबुल के रिहायशी इलाके ख्वाजा बुघरा में किया गया। रॉकेट यहां एक घर पर गिरा। यह इलाका काबुल हवाई अड्डे से ज्यादा दूर नहीं है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को अंदेशा जताया था कि 24 से 36 घंटे के अंदर फिर से हमला हो सकता है।

 

रॉकेट की रेंज कम थी

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ये रॉकेट एयरपोर्ट के नजदीक गुलाई इलाके में एक मकान पर गिरा। जानकारों का कहना है कि दरअसल रॉकेट से आतंकियों ने एयरपोर्ट को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि निशान चूक गया। रेंज कम होने की वजह से रॉकेट पहले ही गिर गया। इस हमले की अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

 

बीते दिन भी हुई थी फायरिंग

इससे पहले शनिवार को हवाईअड्डे के एंट्री गेट के पास भी फायरिंग की खबरें आई थीं। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि यहां कई राउंड की फायरिंग की गई थी। चश्मदीदों ने बताया था कि हवाई अड्डे के आसपास आंसू गैल के गोले उठते देखे गए थे। फायरिंग के बाद हवाई अड्डे के आसपास भगदड़ का माहौल भी बन गया था।

 

 

 

तीन दिन पहले हुए धमाकों में गई थी 103 लोगों की जान

इससे पहले काबुल एयरपोर्ट के पास 26 अगस्त को हुए हमले में करीब 103 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 90 अफगानी नागरिक और 13 अमेरिकी सैनिक शामिल हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, हमले में मारे गए 90 अफगानियों में 28 तालिबानी भी थे। ये सभी तालिबानी एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा में खड़े थे। बताया जा रहा है कि हमले में घायलों की संख्या 1300 पार हो चुकी है।

 

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