‘रिश्तों का चक्रव्यूह‘, एक मां-बेटी के बीच असाधारण ‘द्वेषपूर्ण‘ कहानी
इंदौर: स्टार प्लस पर प्रसारित शो ‘रिश्तों का चक्रव्यूह‘ की कहानी मां सतरूपा और उसकी बेटी अनामी के बीच के टकराव पर आधारित है। शाही पृष्ठभूमि पर आधारित इस शो की कहानी एक अमीर औद्योगिक परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। यह परिवार एक भव्य लाल महल में रहता है। यह लाल महल कई षड़यंत्रों का घर है। इस शो की कहानी के दो मुख्य किरदार हैं सतरूपा और उसकी बेटी अनामी। सतरूपा को हमेशा अपने आप को केन्द्र में रखने की आदत है। इस दिलचस्प जोड़ी के बीच हमेशा विवाद होता रहता है। यह दूसरे शोज से बिल्कुल है क्योंकि पहली बार हमें मां-बेटी के बीच एक द्वेषपूर्ण रिश्ता देखने को मिला है जिसे बहुत पवित्र माना जाता है।
अनामी जब छोटी थी तब सतरूपा ने उसे छोड़ दिया था। उसे बनारस में एक पंडित परिवार ने पाला पोसा है। 17 सालों के बाद, सतरूपा फिर से अनामी की जिंदगी में वापस लौटती है, उसे बनारस के उस परिवार से लेकर लाल महल चली जाती है। सतरूपा लाल महल की संपत्ति का उत्तराधिकारी बनने का अधिकार देने के लिए अनामी को वहां लेकर आती है।
इस शो में मां-बेटी की जोड़ी की कहानी दिखाई गई है और इसमें धीरे-धीरे उनके द्वेषपूर्ण संबंधों के पीछे छिपे राज का पता चलता है। इसमें ऐसा परिदृश्य दिखाया जाता है जिसने उन दोनों को अलग कर दिया।
सतरूपा की भूमिका बहुमुखी प्रतिभा की धनी अभिनेत्री नारायणी शास्त्री निभा रही हैं। सतरूपा एक दृढ़ इच्छाशक्ति वाली कामयाब बिजनेस वीमेन है। वह अपने माता-पिता की अकेली लड़की है और बहुत कम उम्र में ही उसने बिजनेस की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली थी। वह आज जिस मुकाम पर है, वहां तक पहुंचने के लिए उसने अपनी जिंदगी में काफी बलिदान दिये हैं। एक प्रकार से कहा जा सकता है कि लाल महल की डोर पूरी तरह से सतरूपा के हाथों में हैं। सतरूपा एक बेहद व्यावहारिक महिला है और वह एक चतुर रणनीतिक है। वह एक शेरनी है जो अपने परिवार को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है।
इस कटु संबंध के दूसरी ओर एक आत्मविश्वासी, निडर और जिंदादिल अनामी है और यह किरदार महिमा मकवाना निभा रही हं। 17 वर्षीय अनामी बनारस की रहने वाली है और दंबग रवैये के साथ विद्रोही स्वभाव की है। वह अपनी खुद की बाॅस है और अपने फैसले खुद से लेती है। अत्यधिक क्रोध करने वाली अनामी हमेशा सही के पक्ष में खड़ी रहती है और अपनी किस्मत खुद से लिखने में यकीन करती है। उसका लुक उसे लाल महल में सबसे अलग करता है। निर्भीक अनामी अपने भारी-भरकम तकियाकलाम के लिए जानी जाती है – ‘हमारे बारे में ज्यादा मत सोचिये दिमाग ब्लास्ट मार देगा‘‘ और ‘दिल गंगा और दिमाग में पंगा‘‘। अपने उग्र स्वभाव के बावजूद, वह एक शिष्ट लड़की है और वह अपने सिद्धांतों में विश्वास करती है। वह पक्के इरादों वाली लड़की है। उसमें एक सबसे बड़ी खूबी है और वह है न्याय करना। वह आजकल की लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है।
मां और बेटी की इस शानदार अनोखी जोड़ी के अलावा, इस शो में कई और दमदार कलाकारों ने भी अभिनय किया है। इसमें प्रणीत भट्ट निगेटिव किरदार में हैं। अंजू महेन्दु्र और अजय चैधरी भी मुख्य भूमिकाओं में हैं।
सतरूपा और अनामी के बीच पहले से मौजूद कटु रिश्तों में सुधा नया ट्विस्ट लेकर आती है। सुधा की भूमिका संगीता घोष निभा रही हैं। उसका पथभ्रष्ट रवैया और लगातार षड़यंत्र रचना व विचित्र दिमागी खेल ने इस शो में कहानी को पूरी तरह पलट दिया है। अपनी ही तरह पथभ्रष्ट अपने बेटे नरोत्तम (आकाश गिल द्वारा अभिनीत) के साथ, यह जोड़ी रिश्तों का चक्रव्यूह में खलनायकों के तौर पर नये-नये ट्विस्ट लाती रहती है।
इस शो में एक रोचक संदर्भ दिखाया गया है – इसमें लाल महल के षड़यंत्र हैं जहां रहने वाले परिवार के लोग इसकी सत्ता पाने के लिए अपने एजेंडा को आगे बढ़ाते रहते हैं। इसमें सतरूपा के बेटे वात्सल्य की मौत की रोमांचक जांच भी दिखाई गई है। मौजूदा कहानी में अनामी सतरूपा की दुश्मन सुधा को लाल महल में लेकर आती है। सुधा अनामी की मेहरबानी से लाल महल में प्रवेश करती है, अनामी को यह भनक तक नहंी है कि सुधार लाल महल के लिए कितनी खतरनाक है। सुधा जिसकी भूमिका दिग्गज अदाकारा संगीता घोष ने अदा की है, अनामी को अपनी बातों में फंसा लेती है और उसे बताती है कि उसे और उसके बेटे को परिवार ने निकाल दिया है। उसका असली इरादा लाल महल में आना और इसे नष्ट करना है। क्या ताकतवर शेरनी सतरूपा लाल महल और अनामी को सुधा के छल से बचाने में सफल होगी अथवा क्या सुधा अनामी और लाल महल परिवार को तोड़ने में कामयाब हो जायेगी?
देखिये ‘रिश्तों का चक्रव्यूह‘ रात 8 बजे सिर्फ स्टार प्लस पर।
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